The News Point (चंदौली) : मुख्यालय स्थित सैम हॉस्पिटल की होर्डिंग को नेशनल हाईवे-19 (NH-19) और नगर पंचायत चंदौली द्वारा जबरन हटाए जाने के मामले में अब उच्च न्यायालय प्रयागराज ने हस्तक्षेप किया है. सैम हॉस्पिटल द्वारा याचिका दाखिल किए जाने के बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल प्रभाव से होर्डिंग हटाने पर रोक लगाई है,और आगामी 8 जुलाई को एनएच-19 प्राधिकरण तथा नगर पंचायत चंदौली को न्यायालय में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने का आदेश दिया है.

यह पूरा मामला उस समय सुर्खियों में आया जब सैम हॉस्पिटल के संचालक डॉ. एस. जी. इमाम ने यह आरोप लगाया कि उन्होंने नगर पंचायत चंदौली से पूर्णत: वैध प्रक्रिया के तहत 10 x 20 फीट आकार के कुल पाँच होर्डिंग लगाने की अनुमति प्राप्त की थी. इसके अतिरिक्त, उन्होंने संबंधित मासिक शुल्क और किराए भी नगर पंचायत को समय से जमा किए थे. बावजूद इसके, बिना किसी पूर्व नोटिस या कानूनी सूचना के नेशनल हाईवे-19 के अधिकारियों द्वारा नगर पंचायत चंदौली की मिलीभगत से उनके द्वारा लगाए गए सभी होर्डिंग जबरन तोड़ दिए गए और हटवा दिए गए.

हाईकोर्ट ने सैम हॉस्पिटल की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह स्पष्ट किया कि जब तक मामले में पूरी जांच और दोनों पक्षों की दलीलें सामने नहीं आ जातीं, तब तक किसी भी तरह की तोड़फोड़ या हटाने की कार्रवाई पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाती है. न्यायमूर्ति हरवीर सिंह और न्यायमूर्ति सिद्धार्थ की खंडपीठ ने यह भी निर्देशित किया कि नेशनल हाईवे-19 प्राधिकरण और नगर पंचायत चंदौली दोनों ही संस्थाएं आगामी 8 जुलाई को अदालत में प्रस्तुत होकर अपने-अपने पक्षों को स्पष्ट रूप से रखें.
सैम हॉस्पिटल के संचालक डॉ. एस. जी. इमाम ने मीडिया से बातचीत में कहा, “मेरे द्वारा सभी सरकारी नियमों और प्रक्रियाओं का पालन करते हुए नगर पंचायत से विधिवत अनुमति लेकर ही होर्डिंग लगवाए गए थे. न ही मुझे कोई नोटिस दिया गया और न ही कोई कानूनी सूचना, सीधे आकर मेरे विज्ञापन बोर्ड को तोड़ दिया गया. इससे न सिर्फ मेरी संस्था को आर्थिक नुकसान हुआ है, बल्कि अस्पताल की साख पर भी सवाल उठे हैं. इस अन्याय के खिलाफ मुझे अदालत की शरण लेनी पड़ी.”