Naugadh news : महर्षि वाल्मीकि सेवा संस्थान देवखत में महर्षि वाल्मीकि जयंती पर शनिवार को गोष्ठी का आयोजन किया गया. गोष्ठी का उद्घाटन चकिया विधायक कैलाश प्रसाद ने दीप प्रज्वलित कर दिया. साथ ही उनके जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला.
उन्होंने संबोधित करते हुए कहा कि महर्षि वाल्मीकि का नाम रत्नाकर था उनके पिता का नाम प्रतियोगिता था और उनका पालन जंगल में रहने वाली भील जाति में हुआ था. जिस कारण उन्होंने भील की परंपरा को अपनाया एवं इनका मुख्य पेशा डाकू था. डाकू बनकर राहगीरों को लूटते थे लूट में जो भी मिलता है. उसी से अपने परिवार का भरण पोषण करते थे.अचानक एक दिन उनके जीवन में ऐसी घटना घटी कि सब कुछ छोड़-छाड़ कर यह एक महाकवि बने. इन्होंने महाकाव्य रामायण का रचना की.
कार्यक्रम में महर्षि वाल्मीकि के पदचिन्हों पर चलने का पदाधिकारी ने संकल्प लिया. कार्यक्रम में संस्थान के मंत्री बच्चा बाबू पूर्व भाजपा मंडल अध्यक्ष देवेंद्र साहनी ग्राम प्रधान कृष्ण कुमार जायसवाल पुरुषोत्तम राय अरुण सिंह चेरो सहित पदाधिकारी और छात्रवासी उपस्थित रहे.