The News Point (चन्दौली) : यूपी उपचुनाव परिणाम के बाद हार और जीत को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई है, मिर्जापुर की मझवां सीट का उपचुनाव परिणाम भाजपा के पक्ष में आने के बाद चन्दौली से जुड़े दो सांसदों की प्रतिष्ठा परक सीट डॉ बिनोद बिन्द भारी पड़े. वहीं चन्दौली सांसद बीरेंद्र सिंह को शिकस्त झेलनी पड़ी. इस हार के बाद मिर्जापुर के साथ ही समाजवादी पार्टी चंदौली की समीक्षा की चर्चाएं होने लगी है.
दरअसल चुनाव में चंदौली सांसद बीरेंद्र सिंह जहां प्रभारी की भूमिका में पूरे चुनाव की कमान संभाले हुए थे, वहीं पूरी की पूरी चंदौली समाजवादी पार्टी के नेता-कार्यकर्ता उपचुनाव के दरम्यान मझवा में छाए रहे, लेकिन उनकी उपस्थिति व गतिविधि सपा प्रत्याशी डा. ज्योति बिंद को जीत दिलाने में नाकाम रही. वहीं दूसरी ओर चंदौली के उभरते राजनीतिक सितारे और भदोही सांसद डा. विनोद बिंद ने एक बार फिर अपने राजनीतिक कौशल का करिश्मा दिखाया और भाजपा प्रत्याशी की झोली में जीत डालने में अहम भूमिका अदा दी. उनका यह प्रयास और पूरी की पूरी समाजवादी टीम पर भारी पड़ा.
विदित हो कि मझवा विधायक रहे डा. विनोद बिंद के भदोही सांसद बनने के बाद, मझवा विधानसभा रिक्त चल रहा था. हाल ही में सम्पन्न हुए यूपी विधानसभा उपचुनाव में मझवा समेत कुल नौ सीटों पर चुनाव हुए. इस दौरान सत्ताधारी बीजेपी व सपा ने सभी सीटों पर जोर आजमाइश की और पूरा दमखम दिखाया. शनिवार को मतगणना के बाद जैसे ही ईवीएम खुला तस्वीर धीरे-धीरे तस्वीर साफ होने लगी. मझवा विधानसभा चुनाव की बात करें तो बीजेपी प्रत्याशी सुचिस्मिता मौर्य ने लगातार अपनी बढ़त कायम रखा और अंतत इस बढ़त को जीत में तब्दील करने में कामयाब रही.
मझवा उपचुनाव की बात करें तो मीरजापुर लोकसभा चुनाव हारे व भदोही के पूर्व सांसद रमेश बिंद के साथ ही समाजवादी पार्टी और भदोही से लोकसभा चुनाव जीते डा. विनोद बिंद की प्रतिष्ठा दांव पर थी. चुनाव के दौरान दोनों की प्रत्याशियों व उनकी पार्टी ने पूरा दमखम झोंक दिखा दिया था. यूपी उपचुनाव में सभी की निगाहें मझवा पर टिकी रही. इसी बीच हुए मटन कांड ने एक बारगी माहौल को सतह पर ला दिया. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मंच से इसे मटन युध्द करार देते हुए इस चुनावी गेम को अपने पाले में लाने का प्रयास किया, लेकिन सांसद डा. विनोद बिंद समेत तमाम दिग्गज भाजपाइयों ने संभावित नुकसान को अपने प्रयासों से बेअसर करते हुए भाजपा प्रत्याशी के प्रयासों को जीत की दहलीज पर लाकर खड़ा कर दिया. ऐसे में जब 23 नवंबर को ईवीएम का पिटारा खुला तो जीत और खुशियां दोनों भाजपा प्रत्याशी के पाले में थी, वहीं सपा प्रत्याशी व उनके समर्थक मायूस व हताश नजर आए.
खास बात यह है कि मझवा में हार से जहां मीरजापुर सपा की टीम को मंथन करने पर विवश कर दिया है, वहीं चंदौली समाजवादी पार्टी को भी अपने संगठनात्मक कामकाज पर मंथन करने की चर्चाएं होने लगी है. क्योंकि पूरे उपचुनाव के दौरान चंदौली संगठन से जुड़े लगभग सभी प्रभावशाली नेता व पदाधिकारी मझवा में डेरा डाले हुए नजर आए. बावजूद इसके सपा प्रत्याशी को हार मिली, जो चुनाव प्रभारी और सांसद चंदौली के साथ ही चुनाव में लगे तमाम सपा के नेताओं को सोचने पर विवश कर दिया है. वहीं सभी को मात देकर प्रतिष्ठा की जंग जीतने वाले भदोही सांसद डा. विनोद बिंद ने बार फिर अपने राजनैतिक कुशलता को स्थापित करने में सफल रहे हैं.