The News Point (चंदौली) : अखिल भारतीय देववंशी पटवा समाज के तत्वावधान में सकलडीहा स्थित लॉन में एक भव्य सम्मेलन आयोजित किया गया. इस आयोजन में उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. इस सम्मेलन में पटवा समाज की एकता, सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान तथा उनके राजनैतिक अधिकारों को लेकर गहन चर्चा की गई. इस सम्मेलन का आयोजन अरविंद पटवा के नेतृत्व में किया गया.
कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने अपने संबोधन में कहा कि पटवा समाज ने चंदौली में राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाने का जो निर्णय लिया है, वह पूरे प्रदेश में समाज की एकजुटता को दर्शाता है. उन्होंने समाज के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि सरकार समाज के विकास के लिए प्रतिबद्ध है. इस अधिवेशन में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए प्रतिनिधियों ने भाग लिया और अपनी मांगों एवं समस्याओं को रखा.

मंत्री अनिल राजभर ने आश्वासन दिया कि वह पटवा समाज के एक प्रतिनिधिमंडल को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलेंगे और उनकी मांगों को लेकर विचार-विमर्श करेंगे. उन्होंने कहा कि समाज की उन्नति के लिए शिक्षा, व्यापार और राजनीति में भागीदारी बढ़ानी होगी.तभी समाज की उन्नति होगी.
पटवा समाज को आगे बढ़ने का आह्वान
अनिल राजभर ने पटवा समाज से अपील की कि वे शिक्षा, व्यापार और राजनीति में आगे आए और अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि योगी सरकार सभी पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है, और सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर समाज को प्रगति के मार्ग पर ले जाया जा सकता है.
सम्मेलन में समाज के उत्थान से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर गहन चर्चा की गई और भविष्य की रणनीतियों पर विचार-विमर्श हुआ. उम्मीद जताई जा रही है कि इस आयोजन से पटवा समाज में जागरूकता और एकता को बढ़ावा मिला, जिससे समाज के समग्र विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया.
औरंगजेब से सहानुभूति का मतलब देश से हितों से टकराव
कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने भारत के ऐतिहासिक संदर्भों पर बात करते हुए कहा कि औरंगजेब एक आक्रांता था, जो भारत को लूटने के इरादे से आया था. उन्होंने कहा कि यदि किसी के विचारों में औरंगजेब के प्रति सहानुभूति झलकती है, तो वह भारत के हित में नहीं हो सकते. उनके इस बयान को राष्ट्रवाद और भारतीय संस्कृति के सम्मान के रूप में देखा जा रहा है.
मंत्री डॉ. संजय निषाद को दी सलाह…
कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय निषाद द्वारा अपनी जाति के लोगों को अनुसूचित जाति में शामिल करने की मांग को लेकर निकाली गई रथयात्रा पर प्रतिक्रिया देते हुए अनिल राजभर ने कहा कि उन्हें उचित प्लेटफॉर्म पर चर्चा करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जितने भी सहयोगी दल हैं, वे स्वतंत्र हैं और जब चाहें राष्ट्रीय नेतृत्व से बातचीत कर सकते हैं. लेकिन यदि वे अपनी मांगों को सही मंच पर उठाएंगे, तो उनकी बात को आगे बढ़ाया जाएगा.