मुरली श्याम
The news point (चकिया) : एक तरफ केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की योगी सरकार शहरों की तर्ज पर गांवों का विकास करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है. गाँव में निवास करने वाली गरीब जनता को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए सरकार आवास, शौचालय, मनरेगा जैसी महत्वपूर्ण योजना चला रही है. सरकार की मनरेगा जैसी महत्वपूर्ण योजना रोजगार सेवक और सेक्रेटरी के अवैध कमाई का जरिया बन गयी है. मनरेगा योजना में चंद लोग मलाई काट रहे हैं और गरीब मजदूरों को मजदूरी भी नहीं मिल पा रही है. वहीं डीसी मनरेगा ने इस पूरे मामले की ओर जांच की बात है कही.
पूरा मामला चकिया विकास खण्ड के बलिया खुर्द गाँव का है जहाँ बंधी में मनरेगा योजना के तहत खुदाई का कार्य चल रहा है. पत्रकारों की टीम मौके पर पहुँची तो मौके पर 24 लेबर काम करते मिले जबकि रोजगार सेवक के द्वारा हाजिरी 182 लेबरों की भरी जा रही थी. इस बात से ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस तरह से रोजगार सेवक और सेक्रेटरी की युगल जोड़ी गरीबों के हक पर डांका डालकर अपनी जेब गरम कर रहे हैं.