The News Point (चंदौली)- वेदांता हॉस्पिटल के चिकित्सकों द्वारा इलाज में लापरवाही के मामले में जिला प्रशासन सख्ती के मूड में है. जिलाधिकारी चंद्रमोहन गर्ग के निर्देश सीएमओ चंदौली ने मामले की जांच के लिए 3 सदस्यीय टीम का गठन कर किया है, जो 3 दिनों ने अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे. जांच में दोषी पाए जाने पर अस्पताल प्रबंधन व डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. ऐसे में वेदांता हॉस्पिटल की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है.
बताते है कि सोमवार को मरीज राजेश पांडे ने जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर डॉक्टर वेदप्रकाश उपाध्याय व अस्पताल प्रबंधन पर इलाज में लापरवाही बरतने के साथ ही तथ्य छिपाने का आरोप लगाया था. जिसमें उसकी जान भी जा सकती थी. वाराणसी के बड़े अस्पतालों में इलाज के बाद किसी तरह उसकी जान बच सकी. शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने मामले में जांच के निर्देश दिए.
ये था शिकायतकर्ता का आरोप…
शिकायतकर्ता की माने तो जुलाई 2024 में पेट के दाई ओर अत्यधिक दर्द की शिकायत पर वेदान्ता हॉस्पिटल चंदौली में भर्ती हुआ.अल्ट्रासाउंड जांच में पित्त की थैली में पथरी पाई गई और डॉ. वेद प्रकाश ने ऑपरेशन की सलाह दी. अगस्त 2024 में ऑपरेशन हुआ. ऑपरेशन के बाद से ही पेट में अत्यधिक दर्द बना रहा और ड्रेन से लगातार पित्त का रिसाव होता रहा. डॉक्टर ने बार-बार इसे सामान्य बताया और इलाज में लापरवाही बरती गई . स्थिति बिगड़ने पर अंततः apex और BHU हॉस्पिटल में इलाज करवाना पड़ा.0वाराणसी के अस्पतालों में इलाज के दौरान विशेषज्ञों ने बताया कि ऑपरेशन के दौरान कॉमन बाइल डक्ट (CBD) काट दी गई थी, जिसे जानबूझकर छिपाया गया. कई बार स्टेंट डालने का प्रयास किया गया, परंतु स्थिति नहीं सुधरी. M.R.C.P. जांच में CBD में भी कटाव व सिकुड़न की पुष्टि हुई. इस दौरान करीब 50 दिनों तक ड्रेन से पित्त का रिसाव होता रहा. आईसीयू में भर्ती होना पड़ा.