24.1 C
Varanasi

Chandauli news : पूर्व विधायक मनोज ने क्यों निकाली गंगा कटान मुक्ति जनसंपर्क यात्रा, कहां से मिली प्रेरणा

spot_img

Published:

चंदौली – पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू की गंगा यात्रा भले ही समाप्त हो गए. लेकिन उनकी यात्रा ने आम जनमानस समेत स्थानीय जन प्रतिनिधियों व पक्ष विपक्ष के नेताओं पर अमिट छाप छोड़ी. इन सबके बीच सबसे खास बात यह रही कि आखिर मनोज सिंह डब्लू ने यह यात्रा शुरू क्यों कि और प्रेरणा कहां से मिला. अब इसका जवाब भी सामने आ गया है. आप खुद सुन लीजिए…

दरअसल 14 सितम्बर को समाजवादी पार्टी के नेता मनोज सिंह डब्लू ने महूजी से गंगा कटान मुक्ति जनसंपर्क यात्रा की शुरुआत की. जो गंगा किनारे बसे 73 गांवों से होते हुए बहादुर में समाप्त हुई. इस दौरान उन्होंने गंगा कटान पीड़ितों के दर्द को जाना और उनके आंसू पोछे.कई गांव की दास्ता को सुनकर मर्माहत हो उठे.

उन्होंने कहा कि गंगा कटान ने कई गांव का अस्तित्व ही मिटा ही दिया. यहां खेत गए, घर गया और पूरा गांव की गंगा में समा गया. जिस कारण खेती करने वाला किसान मजदूर हो गया. लोग पलायन करने को विवश हो गए. यहां के बाशिदें कुछ आसपास के गांवों में अपना आशियाना बनाकर रह रहे हैं. तो अधिकांश ने नई बस्ती बसा ली है. गंगा कटान का इससे भयावह तस्वीर जनपद में और कहीं देखने को नहीं मिल सकती.

उन्होंने कहा कि मां गंगा ने सपने में आकर जो रास्ता दिखाया है. गंगा पुत्रों की लड़ाई लड़ने की जो प्रेरणा दी है.उसी से प्रेरित होकर गंगा कटान मुक्ति जन सम्पर्क यात्रा की शुरुआत की है. इस यात्रा के दौरान गंगा कटान का दंश झेल रहे लोगों की तकलीफों को देखने व सुनने के बाद यह संकल्प लिया हूं कि गंगा पुत्रों को इससे मुक्ति दिलाए जाने तक यह प्रयास जारी रहेगा. यात्रा के दौरान अनुभवों के आधार पर सीएम से लेकर राष्ट्रपति तक इससे संबंधित मांगों को उठाया जाएगा.

गौरतलब है कि ऐसा भी नहीं कि इसे रोकने के लिए प्रयास नहीं हुए, सभी सरकारों में यह मुद्दा उठा. लेकिन दृढ़ राजनैतिक मंशा और जरूरी प्रयास नहीं हुए. जिसका खामियाजा मां गंगा के गोद में बसे लोगों को उठाना पड़ रहा है है. एक तरफ गंगा का वाराणसी को नई उपजाऊ भूमि दे रही है तो दूसरी तरफ चन्दौली के बाशिन्दों का समूल नष्ट हो रहा है है. ऐसे में जरूरत है स्वस्थ मानसिकता के साथ एक प्रयास की. ताकि गंगा कटान में जा रही किसानों की उपजाऊ जमीन व उनके मकान व बस्तियां गंगा में समाहित होने से बच जाए.

सम्बंधित पोस्ट

लेटेस्ट पोस्ट

spot_img

You cannot copy content of this page