The news point : नाबालिक से दुष्कर्म के मामले में दुद्धी से बीजेपी विधायक रामदुलार गोंड को पॉक्सो एक्ट में एमपी एमएलए कोर्ट ने दोषी पाया है। बीजेपी विधायक को कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने हिरासत में लेकर जेल भेज दिया है। 2014 में प्रधानपति रहते हुए रामदुलारे गोंड़ पर नाबालिग से दुष्कर्म का आरोप लगा था। दुद्धी विधायक के खिलाफ पॉक्सो और रेप के मामले में 2014 से मुकदमा चल रहा है। मामले में कोर्ट 15 दिसम्बर को फैसला सुनाएगी।
वहीं पिड़िता के भाई ने फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, कोर्ट के फैसले से न्याय की जीत हुई है। पीड़ित के भाई ने कहा केस वापस लेने का दबाव बहुत आया था। आरोपी की तरफ से अपने लोगों को लगातार धमकी दी जा रही थी। कोर्ट के फैसले पर संतुष्टि जाहिर करते हुए पीड़ित के भाई ने कहा कि अरोपी को कम से कम 20 साल की सजा होनी चाहिए। वही पीड़ित के वकील विकास शाक्य ने कहा नाबालिक बच्ची के साथ बलात्कार किए जाने के संबंध में विधायक के खिलाफ मुकदमा चला।
उस मुकदमे में अपर सत्र न्यायाधीश जो स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट देखते हैं। उनके द्वारा दोष सिद्ध किया गया। अभियुक्त भाजपा विधायक राम दुलारे गोंड जो दुद्धी से भाजपा विधायक है। उनको न्यायालय ने अभिरक्षा में लेकर जेल भेज दिया। दुष्कर्म के मामले में न्यायालय 15 तारीख को फैसला सुनाएगी। जिसमें कितनी सजा होगी यह 15 तारीख को पता चलेगा। इस मामले में कम से कम सजा 10 साल या आजीवन कारावास की सजा होगी। दुष्कर्म के मामले में न्यायालय ने विधायक को दोषी पाया हैं। दोष सिद्ध कर दिया गया है, सजा के बिंदु पर 15 तारीख को फैसला आएगा।
गौरतलब हो कि, रामदुलार गोंड पर करीब 9 साल पहले एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म का आरोप लगा था। पीड़िता के पिता के द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर म्योरपुर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर छानबीन की कार्रवाई शुरू की थी। तब रामदुलार गोंड विधायक नहीं थे बल्कि प्रधानपति थे। उस समय पॉक्सो कोर्ट में मुकदमे का ट्रायल चल रहा था। उनके विधायक चुने जाने के बाद पत्रावली एमपी-एमएलए कोर्ट में ट्रांसफर कर दी गई। मिली जानकारी के अनुसार एमपी-एमएलए कोर्ट में भी बहस नवंबर में ही पूरी कर ली गई थी। मगर बाद में पीठासीन अधिकारी के तबादले के चलते फैसला नहीं आ सका था।