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Chandauli : धान खरीद में भ्रष्टाचार की एंट्री, पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू ने किया भंडाफोड़,कमीशन लेकर धान खरीद का लगाया आरोप

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Chandauli news : धान के कटोरा चन्दौली में धान खरीदी शुरू होते ही विवादों में आ गई. सैयदराजा के पूर्व विधायक मनोज कुमार सिंह डब्लू शनिवार को घोसवां सहकारी समिति एवं धान क्रय केन्द्र पर अचानक पहुंच गए. इस दौरान उन्होंने धान खरीद में किसानों के जेब पर अधिकारियों द्वारा डांका डालने का आरोप लगाया और सोशल मीडिया पर लाइव होकर धान खरीद में हो रहे झोल का भंडाफोड़ किया. उन्होंने आरोप लगाया कि जनपद 250 लाख एमटी खरीद के सापेक्ष 41.25 करोड़ रुपये किसानों से वसूल किया जाना है, जिसकी शुरुआत हो चुकी है. जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को लेकर कटघरे में खड़ा करते हुए सवाल किया कि आखिर ये पैसा किसकी जेब में जाएगा? 

उन्होंने कहा कि बीते शुक्रवार को उनके करीबी किसान धान बेचने घोसवां क्रय केंद्र पहुंचे. वहां तैनात जिम्मेदार अफसर द्वारा प्रति कुंतल तीन किलो कटौती के साथ ही 100 रुपये कमीशन की मांग की. पूर्व विधायक का करीबी होने की बात करने पर प्रति कुंतल 50 रुपये की छूट कमीशन में दी गई. लेन-देन के इस ब्यौरे का पूरा साक्ष्य मौजूद है. दुर्भाग्यपूर्ण है कि जो अन्नदाता इस वक्त बारिश व मौसम की मार झेल रहा है. उसे प्रशासनिक उत्पीड़न का भी सामना करना पड़ रहा है.

उन्होंने कहा कि यह कहानी मात्र घोसवां क्रय केन्द्र की नहीं, बल्कि पूरे जनपद की है. जहां 250 लाख एमटी धान की खरीद का लक्ष्य रखा गया है. ऐसे में किसानों ने प्रति कुंल 165 रुपये की उगाही खुलेआम की जा रही है यानी धान खरीदन के बहाने जिला प्रशासन अपने कमीशन का भी लक्ष्य निर्धारित कर रखा है, जो करीब 41.25 करोड़ आता है. अब सवाल यह उठता है कि किसानों से वसूल की जाने वाली इतनी बड़ी रकम कहां-कहां और किसके जेब में जाएगा.

पूर्व विधायक मनोज ने बताया कि इसकी लिखित शिकायत डीएम चंदौली से साक्ष्य के साथ की जाएगी. उम्मीद है जिला प्रशासन इसे गंभीरता से लेते हुए कठोर कार्यवाही करेगी. अन्यथा की दशा में जनपद के किसान यह मान लेंगे कि यह रकम प्रशासनिक अधिकारियों व क्षेत्रीय विधायकों व सांसद के साथ ही सरकार तक पहुंच रही है. किसान हितों की बात करते हुए उन्होंने कर्नाटन व तेलंगाना की सरकारों द्वारा संचालित योजनाओं का जिक्र किया, जिससे किसान सीधे तौर पर लाभान्वित होते हैं, जबकि चंदौली के किसानों की कोई सुधि लेने वाला नहीं है.

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