The News Point चंदौली : जिला कलेक्ट्रेट सभागार में शनिवार को आयोजित जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) की बैठक उस समय हंगामेदार हो गई. जब सत्तापक्ष और विपक्ष के जनप्रतिनिधि आपस में भिड़ गए. बैठक की अध्यक्षता कर रहे सपा सांसद वीरेंद्र सिंह के सामने ही भाजपा और सपा के नेताओं के बीच जमकर बहस हुई. इस दौरान माहौल इतना गरमा गया कि दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार, तानाशाही और गुंडागर्दी के आरोप लगाए.
पीडब्ल्यूडी में भ्रष्टाचार को लेकर गरमाई बहस
दरअसल बैठक की शुरुआत होते ही रॉबर्ट्सगंज के सांसद छोटेलाल खरवार ने लोक निर्माण विभाग (PWD) में व्याप्त भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया. उन्होंने अधिकारियों पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाया और कहा कि विभाग में बिना घूस दिए कोई काम नहीं होता. यह आरोप बगल में बैठे सैयदराजा के भाजपा विधायक सुशील सिंह को नागवार गुजरा. उन्होंने सांसद की बात का कड़ा विरोध किया और कहा कि ऐसे निराधार आरोप लगाना गलत है. इसी बात को लेकर दोनों के बीच तीखी बहस शुरू हो गई.
देखते ही देखते बहस उग्र हो गई और दोनों नेता एक-दूसरे पर तीखे आरोप लगाने लगे. माहौल गरमाता देख भाजपा समर्थित धानापुर ब्लॉक प्रमुख अजय सिंह भी विधायक के समर्थन में आ गए, जिससे विवाद और बढ़ गया, इस दौरान सपा सांसद वीरेंद्र सिंह ने बीच-बचाव की कोशिश की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. इस दौरान सपा और भाजपा विधायकों में भी तीखी नोकझोंक देखने को मिली.
बैठक आगे बढ़ी तो मुगलसराय के भाजपा विधायक रमेश जायसवाल ने सपा विधायक प्रभु नारायण यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि वे अपनी सीमा से बाहर जाकर मुगलसराय में सड़क चौड़ीकरण के मुद्दे को लेकर विवाद खड़ा कर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि सपा विधायक बिना किसी प्रमाण के भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं और लोगों को गुमराह कर रहे हैं.
इस पर सपा विधायक प्रभु नारायण यादव भड़क गए और उन्होंने विधायक रमेश जायसवाल की ओर इशारा करते हुए कहा, “बैठो।” इस टिप्पणी से भाजपा विधायक तिलमिला गए और उन्होंने सपा विधायक को मर्यादा में रहने की नसीहत दे डाली. इसके बाद दोनों नेताओं के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हो गई और एक-दूसरे को अभद्र भाषा तक कह डाला. इसी दौरान सैयदराजा विधायक सुशील सिंह भी बहस में कूद पड़े, जिससे माहौल और गरमा गया.
हंगामे के बाद बैठक का बहिष्कार
विवाद बढ़ता देख सत्तापक्ष के विधायकों ने विरोध स्वरूप बैठक का बहिष्कार कर दिया और बाहर चले गए. उन्होंने सपा विधायकों से माफी मांगने की मांग की. कुछ समय बाद भाजपा विधायक फिर से बैठक में लौटे लेकिन उन्होंने बैठक स्थगित करने की मांग कर दी.
हालांकि, बैठक को किसी तरह आगे बढ़ाने की कोशिश की गई, लेकिन अंत तक माहौल शांत नहीं हो सका. आखिरकार, जल्दबाजी में बैठक की कार्रवाई पूरी कर दी गई। बैठक के बाद भी सत्तापक्ष और विपक्ष के जनप्रतिनिधि एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहे.
चंदौली दिशा की इस बैठक में जिस तरह से सत्ता और विपक्ष के नेता आपस में भिड़े, उसने राजनीतिक गलियारों में नई बहस छेड़ दी है. यह विवाद दर्शाता है कि विकास से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के बजाय राजनेता व्यक्तिगत हमलों और पार्टीगत संघर्ष में उलझ रहे हैं. इस हंगामे के बाद जिले की राजनीति में और तनाव बढ़ने की संभावना जताई जा रही है.
दलित सांसद का सत्ता पक्ष के लोगों ने किया अपमानः छोटेलाल खरवार
इस बाबत रॉबर्ट्सगंज के सांसद छोटेलाल खरवार ने कहा कि सत्ता पक्ष के लोग हमेशा दलितों का अपमान किए हैं. आज जिस प्रकार से मुझे अपमानित किया गया है, उनकी मानसिकता में पहले ही रही है कि हमेशा दलितों का अपमान किया जाए. सत्ता पक्ष के विधायक और अन्य जनप्रतिनिधियों ने हमेशा से दलित और आदिवासी की हितैसी नहीं रही है.