The News Point (चंदौली) : प्रदेश सरकार के मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री संजीव गौड जिला अस्पताल में व्याप्त दुर्दशा की शिकायत मिलने के बाद भी वहां जाने की जहमत नहीं उठाए. जबकि जिला अस्पताल से चंद कदम पर दूर स्थित भाजपा कार्यालय पर प्रेसवार्ता के दौरान स्वयं अस्पताल में जाकर सस्याओं को देखने और जांच कराकर लापरवाह स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने का दम्भ भी भरा था. लेकिन कार्यक्रम समाप्त होने के बाद प्रभारी मंत्री जी निकल लिए और समस्या दूर कराने को लेकर कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई गई. आलम है कि आज भी मरीज गंदे पानी में होकर इलाज कराने पहुंच रहे हैं.
विदित हो कि प्रदेश सरकार गरीबों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने को लेकर हर स्तर से प्रयासरत है. लेकिन यहां जनप्रतिनधियों और अधिकारियों की ढुलमुल कार्य प्रणाली से सरकार की मंशा पर पानी फिर रहा है. आलम यह है कि पानी निकासी की व्यवस्था न होने से मुख्यालय स्थित जिला अस्पताल परिसर में हफ्तों से जलभराव की स्थिति बनी हुई है. हल्की बारिश से परिसर झील में तब्दील हो जाता है. इससे आएदिन मरीजों को फजीहत झेलनी पड़ रही है. सबसे ज्यादा समस्या एमसीएच विंग और सीएमओ दफ्तर में जाने वालों को उठानी पड़ती है. वहीं अस्पताल परिसर में व्याप्त दुर्व्यवस्था का भी सामना करना पड़ता है. लेकिन समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है.
गौरतलब है कि दुर्व्यस्था को लेकर बीते दिनों सपाइयों ने भी आंदोलन जिला प्रशासन और स्वास्थ्य महकमें को घेरने का एक काम किया था. वहीं गुरुवार को भाजपा के जिला कार्यालय पर सदस्या अभियान के शुभारम्भ कार्यक्रम में आए प्रभारी मंत्री को पे्रसवार्ता के दौरान मीडिया कर्मियों ने जिला अस्पताल की दुर्दशा पर घेरा तो उन्होंने स्वयं जाकर देखने और उसकी जांच कराकर लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का दम्भ भरा. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार जीरो टारलेंस पर काम कर रही है. निश्चित रूप से स्वास्थ्य, शिक्षा अथवा अन्य किसी विभाग में इस तरह की शिकायत मिलने पर जांच करायी जाएगी.
उन्होंने लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कराने की बात कही. उन्होंने डीएम से बातकर समस्या का समाधान करने की भी बात कही थी. लेकिन अगले दिन ही पल उनके दावे की हवा निकल गई. और कार्यक्रम समाप्त होने के बाद भाजपा कार्यालय से चंद कदम की दूर जिला अस्पताल में व्याप्त दुदर्श को देखने के लिए नहीं पहुंचे. अब देखना होगा कि आखिर प्रभारी मंत्री जिला अस्पताल की दुदर्शा देखने कब पहुंचते हैं, या फिर मेहमान ही तरह आते है, मुसाफिर की चले जाने वाली कहावत को चरितार्थ करती है.