The News Point (चंदौली) : उत्तर प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष विधान परिषद लाल बिहारी यादव बुधवार को चन्दौली दौरे पर रहे. यहां पूर्व सांसद रामकिसुन यादव के आवास पहुँचकर उनका हाल जाना साथ ही पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए विधानसभा चुनाव 2027 के मद्देनजर कमर कसने के आह्वान किया. कहा कि सरकार आम जनमानस से जुड़े सभी मुद्दे पर फेल है. जिन्हें जनता के बीच ले जाने की जरूरत है.वहीं पूर्व सांसद के आवास पहुँचकर मुलाकात के कई सियासी मायने भी निकाले जा रहे है.
उन्होंने बताया कि चन्दौली उनका निर्वाचन क्षेत्र है, पार्टी के कार्यक्रमों और सदन की कार्रवाई से जब भी समय मिलता है. वे अपना समय अपने निर्वाचन क्षेत्र में ही देते है, और नीतियों को आगे बढ़ाते है, आप इसे 2027 विधानसभा चुनाव की तैयारियों के रूप में भी देख सकते है. राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव 2027 के विजन में जुटे है,इसी क्रम में पार्टी से जुड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की. वार्ता कर अपने कुनबे को मजबूत करने में जुटे है. हम सभी लोग मिलकर 2027 का चुनाव मजबूती से लड़ेंगे और जीतकर सरकार बना सकेंगे.
संभल हिंसा सरकार की साजिश
संबोधन के दौरान उन्होंने संभल हिंसा के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए इसे सोची समझी रणनीति बताया. ताकि जरूरी मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाया जा सके. उन्होंने संभल हिंसा पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब कमिशन के साथ किसी को जाने की अनुमति नहीं थी तो बजरंग दल के लोग वहां कैसे पहुंचे? बजरंग दल के लोगों ने ही वहां माहौल बिगाड़ा. जिसके बाद हिंसा भड़की. उन्होंने आरोप लगाया कि बजरंग दल के लोगों ने वहां गोली चलाई. जिसके बाद दूसरे पक्ष के लोगों ने पत्थरबाजी की. जो कि आत्म रक्षा के लिए तहत उनका कानूनी अधिकार है. इसलिए लोगों ने गोली का जवाब पत्थर से दिया. हम लोग वहां माहौल सुधारने के लिए जाना चाह रहे थे. लेकिन हमें रोका गया. आरोप लगाया कि यह दंगा सरकार की तरफ से प्रायोजित थी. संभल हिंसा के पहले लोगों को गोधरा दंगे पर बनी फिल्म दिखाई गई. जिसके बाद यह घटना सामने आई.
महाकुंभ के नाम पर धन का बंदरबाट
इसके अलावा महाकुंभ को लेकर हो रहे खर्च पर सवाल उठाते हुए कहा कि कुंभ के नाम पर सरकार लुट कर रही. इस आयोजन पर अब तक सरकार ने 41 अरब से ज्यादा खर्च किए है. जबकि अखिलेश यादव की सरकार में वित्त विहीन शिक्षकों के हितों को ध्यान में रखते हुई जारी की गई धनराशि को रोक दिया गया. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि व्यय रुपयों की आडिट नहीं हो सकती. यही वजह है आम लोगों के रुपयों की बंदरबाट की जा रही है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि राम मंदिर हो या फिर काशी विश्वनाथ कॉरिडोर जनता के चंदे के पैसों की लूट की जा रही है, और इस बार महाकुंभ में तो सारे रिकॉर्ड ही तोड़ दिए गए है.