36.1 C
Varanasi

रामकथा : धनुष की रस्सी की भांति जो प्रभु की ओर जाता है उसे जोड़ लेते हैं प्रभु

Published:

Chandauli news : मानस एवं आध्यात्म प्रचार समिति की ओर से बृहस्पतिवार की रात श्री राम जानकी शिवमठ मंदिर में राम कथा का आयोजन किया गया। जहां पर मानस विद्वानों ने भक्तों को श्री राम कथा का श्रवण कराया और उन्हें प्रभु श्री राम के स्मरण करने का संदेश दिया।


इस दौरान विद्यानंद शास्त्री ने कहा कि प्रभु श्री राम चाहते तो अयोध्या से ही मार सकते थे, लेकिन वह देख की बेचारा,बंजारा, बनवासी समाज के मुख्य धारा से अलग सड़क पड़ा हुआ है इसलिए भगवान ने किला छोड़कर कोल,भीलों के दिल में बस गए। रामचंद्र मिश्र, साध्वी अन्नपूर्णा उदय नारायण शास्त्री श्याम किशोर मिश्रा अनुरागी ने धनुष यज्ञ प्रसंग पर विस्तार से व्याख्या की और अपनी व्याख्या में बताया कि धनुष के भांति वही मनुष्य टूटता है जो प्रभु से दूर रहता है।

धनुष की रस्सी की भांति जो प्रभु की ओर जाता है।उसे प्रभु अपने से जोड़ लेते हैं आप समाज का बड़ा हिस्सा हैं प्रभु से दूर हटते जा रहे हैं। इसी को जोड़ने के लिए समिति की लोग यज्ञ कथा कर रहे हैं।इस दौरान हरिद्वार सिंह,जयशंकर द्विवेदी,शिवबचन सिंह, शेर सिंह, पंकज तिवारी, मृत्युंजय तिवारी, राज नारायण विश्वकर्मा, नपुनवासी देवी, पिंटू सिंह, वीरेंद्र मिश्र,इंजीनियर राम केश सिंह यादव उपस्थित रहे।

सम्बंधित पोस्ट

लेटेस्ट पोस्ट

spot_img

You cannot copy content of this page