Chandauli news : नौगढ़ के मझगांवा निवासी हार्डकोर नक्सली लालव्रत कोल को आजीवन कारावास की सजा मिली है. सोनभद्र जिले में नक्सलियों ने पुलिस टीम पर अंधाधुन फायरिंग की थी. उसमें तत्कालीन एसपी सुभाषचंद्र दुबे समेत नौ पुलिसवाले घायल हो गए थे. सोनभद्र की अदालत ने लालव्रत कोल को उम्रकैद की सजा सुनाने के साथ ही 30 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया.
विदित हो कि 29 मई 2012 को सोनभद्र के चोपन थाना के छिड़का जंगल में नक्सलियों की सूचना मिली. इस पर चोपन थाना में तीन टीमों का गठन कर तत्कालीन एसपी सुभाषचंद्र दुबे के नेतृत्व में पुलिस टीम, एसओजी व सीआरपीएफ जंगल में पहुंची. घेरेबंदी करने के बाद एसपी ने नक्सलियों को सरेंडर करने के लिए कहा. इस पर नक्सलियों ने पुलिस टीम पर अंधाधुन फायरिंग शुरु कर दी.
नक्सलियों के इस हमले में एसपी समेत नौ पुलिसवाले घायल हो गए थे.हालांकि पुलिस टीम ने बहादुरी दिखाते हुए लालव्रत कोल को कारबाइन की मैगजीन अनलोड करते समय पकड़ लिया. तलाशी के दौरान उसके पास से कारबाइन के साथ ही एक राइफल और 20 जिंदा कारतूस बरामद किया गया था. अदालत ने पुलिस की ओर से प्रस्तुत किए साक्ष्यों व गवाहों की गवाही के आधार पर लालव्रत कोल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
नौगढ़ में हिनौत कांड में भी नाम आया था सामने
गौरतलब है कि लालब्रत कोल का एक नाम चन्दौली के बहु चर्चित हिनौत कांड में भी सामने आया था. 18 नवंबर 2004 को नक्सलियों ने मझगांई वन चौकी पर हमला कर दो वनकर्मियों और एक दरोगा को मौत के घाट उतार दिया था. यूपी में नक्सलियों की इस बड़ी घटना को कुचलने के लिए सरकार ने पीएसी के जवानों को भेजा. 20 नवंबर 2004 को जब पीएसी के जवानों को लेकर ट्रक हिनौत घाट गांव के पुलिया से गुजर रही थी, तभी नक्सलियों ने लैंडमाइंस के सहारे विस्फोट कर उसे उड़ा दिया था. इस हमले में 15 जवानों की मौत हुई थी, जबकि कई अन्य घायल हो गए थे.