चन्दौली : कहा जाता है सबसे बड़ा दान कन्या दान है लेकिन आज के समाज मे व्यवहारिक तौर पर देखा जाय रक्तदान का अपना अलग महत्व है. जिससे जरूरत मंद को दूसरा जीवम दान मिल सकता है. शायद यही वजह है कि आम जन की सुरक्षा में जुटे पुलिस कर्मियों ने ठानी है कि उनके जिले किसी की मौत खून की कमी से नही होगी. यह कहानी है यूपी पुलिस के चंदौली के उन रक्तवीरो की. जिन्होंने गांधी जंयती पर यह कसम खाई है. की उनके जिले खून की कमी नही होने देंगे और इसका बीड़ा उठाया है चिकित्सक से आईपीएस बने चैंदौली एसपी डॉक्टर अनिल कुमार ने. जिन्होंने रक्तदान के लिए एक अनोखा संकल्प लिया है.
यह तश्वीर है चंदौली के पण्डित दीनदयाल नगर के सीओ कार्यालय की. जिसे आज के दिन एक मिनी ब्लड बैंक में बदल दिया गया है. दरअसल चंदौली एसपी जो कि आपीएस बनने से पहले एक डॉक्टर थे. उन्होंने इच्छा जताई कि वह जिले खून की कमी नही होने देंगे, इसके लिए उन्होंने जिले के अपने अधीनस्थों से सहयोग मांगा. जिसके बाद पुलिस के आलाधिकारियों ने एक योजना बनाई की जरूरतमंदों के लिए यह खाकी रक्तवीर बनकर भी लोगो की मदत करेगी. इसके लिए बाकायदा योजना बद्ध तरीके से जिले में हर महीना रक्तदान शिविर लगाए जाने की योजना बनाई गई है.
जिले का हर स्वास्थ्य पुलिस कर्मी 6 माह में रक्तदान करेगा. इसके लिए जिले की पाँच सर्किल के अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाया गया. इस संकल्प की शुरुवात गांधी जयंती के दिन हो इसके लिए पंडित दिन दयाल उपाधयाय के सीओ कार्यालयमे रक्तदान शिविर लगाया गया. शिविर की शुरुआत एसपी ने खुद रक्त दान करके किया. रक्त के महत्व को समझाने और आमजन को रक्तदान के लिए प्रेरित करने के लिए पुलिस अधीक्षक डा. अनिल कुमार की ओर से स्वैच्छिक रक्तदान की दिशा में नई पहल शुरू की गई है. इसके तहत प्रत्येक माह एक दिन जनपद के अलग-अलग सर्किल में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर आयोजित किया जाएगा. रक्तदाताओं को उत्साहवर्धन हेतु प्रशस्ति-पत्र तथा पुलिस कर्मियों को इसके साथ ही एक दिवस का रिवार्ड लीव दिया गया.
एसपी डा. अनिल कुमार ने रक्तदान के महत्व के बारे में बताते हुए लोगों को प्रेरित किया. कहा कि रक्तदान मानव जीवन की रक्षा में सहायक होता है. यह एक पुण्य का कार्य है. रक्तदान एक ऐसा महादान है, जिससे किसी को नया जीवन मिल सकता है. समाज के एक जागरुक और जिम्मेदार नागरिक होने के नाते सभी को रक्तदान करना चाहिए. नियमित रूप से रक्तदान करने से शरीर में संचित आयरन की मात्रा में कमी आती है. जिससे हार्ट अटैक का जोखिम कम होता है. साथ ही शरीर में नई कोशिकाएं बनने में मदद मिलती है. रक्तदान करने के 48 घंटे के भीतर शरीर बोनमैरो के साथ मिलकर नया रक्त पुनः बना लेती है.
सड़क दुर्घटना के साथ ही अन्य घटनाओं में घायल मरीज हो या फिर गर्भवती महिलायें और हीमोफीलिया, थैलेसीमिया से ग्रसित बच्चे. इनको खून की जरूरत होती है. सबसे ज्यादा परेशानी तब होती है, जब इलाज के दौरान समय पर खून नहीं मिल पाता है. चंदौली पुलिस ने इस तरह की योजना बनाई है कि जिले के साथ आसपास भी लोगो को इससे जूझना न पड़े इस रक्त दान में महिलाओं ने भी बढ़ चढ़ के हिस्सा लिया. पुलिस अधिकारियों की पत्नी और कई महिला दरोगा कांस्टेबल ने भी रक्तदान किया और इस नेक काम मे अपना रक्तदान किया.