The News Point : उत्तर प्रदेश में 10 सीटों के लिए विधानसभा उपचुनाव होने वाले हैं. बीजेपी की लोकसभा चुनाव में हार के बाद हाल ही में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के संगठन बड़ा है या सरकार इसपर दिए गए बयान पर बीजेपी में अंदरूनी कलह को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं. बयान के बाद से भाजपा और सपा नेताओं के बीच वार-पलटवार का दौर भी जारी है. वहीं भाजपा नेता और पूर्व मंत्री सुनील भराला और राज्यमंत्री सोनम किन्नर ने डिप्टी सीएम के इस बयान का समर्थन किया है. ऐसे में ही बीजेपी को उपचुनाव का सामना भी करना है.
बीजेपी नेता सुनील भराला और सोनम किन्नर ने किया समर्थन
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के संगठन बड़ा या सरकार के बयान के अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं. इसको लेकर बीजेपी में अंदरूनी कलह की चर्चाएं भी जोरों पर हैं. डिप्टी सीएम के इस बयान के बाद भाजपा नेता और पूर्व मंत्री सुनील भराला ने लोकसभा चुनाव के हार को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पद से इस्तीफा देने की बात कही है. वहीं प्रदेश सरकार की राज्यमंत्री सोनम किन्नर ने भी योगी सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार का जिक्र करते हुए इस्तीफा दे दिया है. इन भाजपा नेताओं की इस कार्य शैली को राजनीतिक गलियारों में डिप्टी सीएम के समर्थन के तौर पर देखा जा रहा है.
जनहित के मुद्दों पर संजीदा नहीं है सरकार
मुद्दे को लेकर प्रदेश में होने वाले 10 विधानसभा सीटों के उपचुनाव पर राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद बीजेपी में लगातार मंथन चल रहा है. डिप्टी सीएम के इस बयान से पार्टी में अंदरूनी कलह की चर्चा जरूर है. लेकिन उपचुनाव में इसका कोई प्रभावी असर नहीं दिखेगा. हां यह जरूर है कि जनहित के मुद्दों पर शासन और प्रशासन के संजीदा नहीं होने से उपचुनाव में भी इसका फायदा इंडिया गठबंधन को मिलेगा.
भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर राज्यमंत्री ने दिया इस्तीफा
उधर, लोकसभा चुनाव के खराब प्रदर्शन से बीजेपी हताश है, सूबे की योगी सरकार की कार्यशैली से इनके नेता भी संतुष्ट नहीं है. हाल ही में योगी सरकार की दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री सोनम किन्नर ने सरकार में भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगाते हुए पद से इस्तीफा दे दिया है.
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बयान से भाजपा संगठन में मतभेद की चर्चा सतह पर आ गई है. प्रदेश के होने वाले उपचुनाव में चौंकाने वाले परिणाम नजर आ सकते है. जिसका फायदा इंडिया गठबंधन में शामिल विपक्षी दल सपा को होगा.