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घर वापसी : चन्दौली के अजहरुद्दीन बने सनातनी डब्लू सिंह, मुगल अत्याचार से बने थे मुस्लिम 

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The News Point (चंदौली) : सदर कोतवाली क्षेत्र के बिछिया गांव के निवासी मोहम्मद अजहरूद्दीन मुस्लिम धर्म के ठेकेदारों से लंबी लड़ाई लड़ने के बाद आखिरकार सनातन धर्म में वापसी करते हुए मोहम्मद अजहरुद्दीन से डब्लू सिंह बन गए. उन्होंने अपने पुत्र-पत्नी को भी शुद्धिकरण कराते हुए सनातन धर्म में वापसी कराया है.

मुस्लिम धर्म की पठान जाति-से सनातन धर्म में वापस आने के बाद दंपति ने अपने बेटे के साथ अपने नाम भी बदल लिये. रिजवाना ने अपना नाम गुड़िया सिंह, पति मो. अजहरुद्दीन ने अपना नाम डब्लू सिंह और बेटे मो. राज का नाम राज सिंह रख लिया. चंदौली में मुस्लिम परिवार की घर वापसी की खबर सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है।

काशी में स्थित आर्य समाज मंदिर में बाकायदा वैदिक विधि विधान से मुस्लिम परिवार ने हिन्दू धर्म स्वीकार किया है. सनातन धर्म स्वीकार कर डब्लू सिंह बने अजहरुद्दीन ने बताया कि जब हमने अपने कुर्सीनामा को देखा तो हमें लगा कि हमारे पूर्वज पहले सनातनी थे. इसी कारण हमारे अंदर जन्म से ही सनातन धर्म के प्रति आस्था एवं विश्वास था.

उन्होंने कहा कि पहले से ही हमारे घर में रामचरितमानस,श्रीमद् भागवत हैं. हम सभी धर्मो का समान रूप से पूजन और अध्ययन भी करते थे. हम 2006 से सनातन धर्म में वापसी करने के लिए लगे थे, लेकिन धर्म के ठेकेदारों द्वारा हम लोगों को प्रताड़ित किया गया. लेकिन लंबी लड़ाई लड़ते हुए 30 जून को हमने परिवार सहित अपने सनातन धर्म में पूर्ण रूप से वापसी कर ली है. अब अपने घर में आने के बाद सुकून महसूस हो रहा है.

उन्होंने नसीहत भरे अंदाज में कहा कि जो लोग हमें दोषी ठहरा रहे थे. अब वह भी अपना पुराना इतिहास एवं कुर्सी नामा देखेंगे तो सनातन के प्रति आकर्षित हो जाएंगे. हमारे घर के अन्य सदस्यों के अंदर भी धीरे-धीरे सनातन धर्म के प्रति उनका विश्वास बढ़ता जा रहा है और मुझे आशा है कि मेरे आस-पास एवं रिश्तेदार नातेदार सब लोग आने वाले समय में सनातनी बन जाएंगे. प्रयास करूंगा कि अपने पूर्वजों का इतिहास और कुर्सीनामा निकाल कर सबके सामने रख सकूं ताकि लोग सच्चाई समझ सकें.

मुगल अत्याचार से बने थे मुस्लिम

मुस्लिम धर्म से सनातन धर्म अपनाने वाले दंपति ने बताया कि छह पीढ़ी पहले मुगल साम्राज्य के अत्याचार से पूरे परिवार ने मजबूरी में मुस्लिम धर्म अपनाया था. अब उन्हे मुगल साम्राज्य के अत्याचार के दौरान धर्म परिवर्तन की बात पता चली तो अपने वास्तविक धर्म में लौटने का निर्णय लेते हुए राजसूत्र पीठ से संपर्क किया. ऐसे में आर्य समाज मंदिर में वैदिक विधि से सनातन धर्म में वापसी की है.

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