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Chandauli news : किसानों के मुद्दे पर मुखर हुए पूर्व सांसद रामकिसुन यादव, कहा- हार का गम और जीत का जश्न मनाने से उबरे जनप्रतिनिधि

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The News Point (चंदौली) : मंगलवार को पीएम मोदी वाराणसी दौरे पर रहे. इस दौरान पीएम किसान सम्मान निधि की 17 वी क़िस्त जारी की और किसानों की सबसे हितैसी सरकार होने का दावा किया. इस दौरान भारत सरकार में कृषि मंत्री व सूबे के मुख्यमंत्री भी मौजूद रहे. इसके अलावा कृषि प्रधान जनपद चंदौली में भी आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने केंदीय मंत्री जितिन प्रसाद पहुँचे और सरकार की योजनाओ का बखान लोगों से ताली बजवाने में मशगूल दिखे. लेकिन कृषि प्रधान जनपद चंदौली में किसान जिले में नहरों का जाल होने के बावजूद पानी के संकट से जूझ रहे है. कहीं नर्सरी पिछड़ रही तो कही नर्सरी सुख रही.इसकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है. जिसको लेकर सोमवार को पूर्व सांसद रामकिसुन यादव ने नारायणपुर पंप कैनाल की स्थिति का जायजा लिया. संकट का हल खोजने की बजाय लापरवाह बने जनप्रतिनिधियों पर निशाना साधा.

पूर्व सांसद ने कहा कि नारायणपुर पम्प किसी भी नदी पर बना एशिया का सबसे बड़ा पम्प कैनाल है. लेकिन आज गंगा में पानी की कमी की वजह से निष्प्रयोज्य बना हुआ है. किसान खेतों में पानी के लिए कभी आसमान निहार रहे है तो कभी नहरों में से जुड़ी नालियों को लेकर झांक रहे है कि पानी आ जाये वो धान की नर्सरी डाल सके. जिन्होंने निजी संसाधनों के सहारे नर्सरी डाल दिया उसे बचा सकें. नर्सरी सूखने और पिछड़ने का सीधा प्रभाव उसकी पैदावार पड़ेगा. 

शो पीस बने पंप कैनाल

जिले भर में नहरों का जाल तो बिछा है लेकिन बिन पानी सब सुन की स्थिति बनी हुई है. वजह इन नहरों को पानी देने वाले पंप कैनाल शो पीस बने हुए है, गंगा सफाई के नाम अरबो रुपये खर्च करने वाली मोदी सरकार गंगा को निर्मल तो अविरल भी बना सकी. ताकि इसके पानी का लाभ किसानों को सिंचाई में ही मिल सके. काशी में बंदरगाह बनाने के नाम पर लोगों को सपना दिखाने का प्रयास जरूर किया. बंदरगाह तो बन जाएगा लेकिन पानी के जहाज चलाने के लिये पानी की भी आवश्यकता की कैसे पूर्ति होगी. इस बात पर सरकार का कोई ध्यान नहीं है.

हार का गम जीत का जश्न मनाने में जुटे जनप्रतिनिधी

उन्होंने बताया कि ऐसे संकट काल में जरूरत है कि बांधों का पानी नदियों में छोड़ा जाय ताकि उसकी अविरलता बनी रहे. लेकिन इस बात पर बात पर न तो डबल इंजन की सरकार का ध्यान है, और न स्थानीय जनप्रतिनिधियों का. जिनके ऊपर इस जन समस्या को उठाने की जिम्मेदारी है. वो उदासीन बने हुए है. सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधि सत्ता के जनप्रतिनिधि हार की समीक्षा कर रहे, तो वहीं विपक्ष के लोग जीत का जश्न मनाने में जुटे है. लेकिन इन सब के बीच जनता को खुद को ठगा महसूस कर रही है.

2 लाख से ज्यादा किसान परिवार

गौरतलब है कि चन्दौली कृषि प्रधान जनपद है, और 2 लाख से ज्यादा किसान परिवार की आजीविका का मुख्य साधन कृषि ही है. लेकिन उनके वोटों से माननीय बनने वालों जनप्रतिनिधियों को उनकी चिंता नहीं है. ऐसे में अब किसानों को भगवान का ही सहारा है.

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