Chandauli news : चन्दौली लोकसभा सीट से वीरेंद्र सिंह को सपा प्रत्यासी घोषित किए जाने के बाद विरोध प्रदर्शन व समर्थन का दौर शुरू हो गया. जिले के अलग अलग हिस्सों में वीरेंद्र सिंह को टिकट दिए जाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया.गुरुवार को मुगलसराय के चकिया तिराहे पर गंजी दादा मूर्ति के पास सपा नेताओं ने वीरेंद्र सिंह के टिकट मिलने पर विरोध जताया है. विरोध प्रदर्शन कर रहे सपा नेताओं ने राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा वीरेंद्र सिंह को टिकट देने पर नाराजगी जताते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष से पूर्व सांसद रामकिशन यादव को टिकट दिए जाने की मांग की.
पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता प्रेमनाथ तिवारी ने कहा कि हम लोग राष्ट्रीय अध्यक्ष से अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने की गुजारिश करना चाहते है. साथ ही मांग करते है कि पूर्व सांसद रामकिशन यादव को टिकट दिया जाय. कमलेश यादव ने कहा कि सपा से जिस वीरेंद्र सिंह को टिकट मिला है. वो बाहरी है, जो हम लोगों को ना जानते हैं ना पहचानते हैं क्योंकि हम लोग के सुख-दुख में कभी शामिल नहीं हुए हैं.ऐसे लोगों को अपना अपना नेता स्वीकार नहीं करते. रामकिसुन यादव न सिर्फ बूथ और सेक्टर बल्कि जिले के भर के सभी कार्यक्रम में बढ़-कर कर हिस्सा लेते है.
उन्होंने कहा कि रामकिसुन यादव समाजवादी का झंडा बुलंद करते हुए दो बार विधायक और फिर सांसद बने. जिले के सभी कार्यकर्ताओं के सुख दुख में शामिल रहते हैं. इसलिए राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से हमारी यही मांग है कि लोकसभा का प्रत्याशी रामकिसुन को बनाया जाए. इस दौरान बबलू सिंह, प्रेम तिवारी, नंदलाल प्रजापति, मंगल सिंह यादव, कमलेश यादव, सचिन सोनकर , विवेक बाबा , सुनील यादव , रमेश , कैलाश, रत्न लाल , अमित यादव, लालू यादव , लल्ला , सोनू कुमार, पवन यादव, अजीत यादव, सोनू कन्नौजिया, विनीत कुमार, गोलू सोनकर, संजय शर्मा, अनीश कुमार यादव, गौतम यादव, धनंजय यादव, नंदू यादव, आसिफ खान, अल्ताफ अंसारी, मोहम्मद सैफ, विशाल यादव, संदीप यादव शामिल रहे.
गौरतलब है कि बुधवार को भी बरहनी इलाके में वीरेंद्र सिंह को सपा प्रत्यासी बनाए जाने पर सपा कार्यकर्ताओं में विरोध का स्वर फूटा था. बाहरी प्रत्याशी बनाए जाने पर सपा कर्तकर्ताओं ने आक्रोश जताया था. साथ ही शीर्ष नेतृत्व को चेताया कि प्रत्यासी न बदलें जाने से नतीजे में फर्क पड़ेगा. दावा किया कि बरहनी का बूथ संख्या 215 सपा का गढ़ है. भाजपा लहर में भी सबसे ज्यादा वोट सपा कैंडिडेट को पड़े थे. लेकिन प्रत्यासी न बदलें जाने की सूरत में उल्टा असर पड़ेगा.