The News Point (चंदौली) : बहुचर्चित राजकुमार यादव हत्याकांड मामले में धानापुर पुलिस को सफलता मिली है. हत्यारोपियों को संरक्षण देने के एक आरोपी मनोज त्रिपाठी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पुलिस की माने तो घटना को अंजाम देने के बाद सभी शूटर मनोज आरोपी मनोज के घर पहुंचे थे. जहां बाइक छोड़ सकुशल फरार हो गए. पूछताछ में 3 हत्यारोपियो की पहचान उजागर हुई है. जिनकी तलाशी के पुलिस की कई टीमें लगातार सक्रिय है.
बताते है कि धानापुर में राजकुमार यादव उ्फ मुट्टून यादव की दिनदहाड़े हत्या हुई थी. जिसके सम्बन्ध में तहरीर के आधार पर धानापुर पुलिस ने गोपाल सिंह सहित 06 अभियुक्तों के विरद्ध पंजीकृत किया गया. जिसके बाद अपराधियो की गिरफ्तारी में जुटी पुलिस धानापुर व स्वाटासर्विलांस पुलिस टीम के संयुक्त प्रयास से अभियुक्तों द्वारा घटना में प्रयुक्त की गयी मोटरसाईकिल टीवीएस अपाचे सफेब रंग ब हीरो सुपर स्प्लेण्डर काला रंग जिनकी विभिन्न सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से तस्दीक की गयी थी. ग्राम माधोपुर सिलौटा ताल में सड़क के किनारे लावारिस हालत में पड़ी हुयी पायी गयी. जिन्हे पुलिस द्वारा कन्जें में लेकर जाँच प्रारम्भ की गयी तो जानकारी हुयी कि अभियुक्त का पूर्व से ही मनोज त्रिपाठी उर्फ पप्पू के घर आना जाना था तथा उक्त वाहनों को अभियुक्तं द्वारा घटना में प्रयुक्त करने के उपरांत मनोज त्रिपाठी उर्फ गप्पू घर पर ले जाया गया. जहां पर मनोज त्रिपाठी उर्फ पप्प् द्वारा वाहनों को अपने घर की बाउंड्री के अन्दर खर्ड़ करवाये तथा बदमाश उसके मकान के पिछले दरवाजे से निकलकर चले गये. पुलिस पूछताछ पूछताछ में 1-अभिषेक सिंह उर्फ रामनाथ उर्फ पहलवान सिंह पुन् स्व० गुलाब सिंह निवासी महुवरकला थाना बलुआ जनपद चन्दौली, 2- गोपाल सिंह पुत्र शिवकुमार सिंह निवासी ग्राम बूढेपुर थाना धानापुर जनपद चन्बौली, 3-बिशाल पासी पुत्र लालचन्द्रपासी निबासी सिहोरी थाना नन्दगंज जनपद गाजीपुर का नाम सामने आया.जिनके द्वारा घटना को अंजाम दिया गया है. घटना में संलिप्त अन्य अभियुक्तों की तलाश की जा रही है.

गौरतलब है कि इस हत्याकांड की गूंज लखनऊ तक सुनाई दी थी. जिसके बाद प्रदेश की सियासत गरमा गई. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर घटना जिक्र करते हुए सीएम योगी पर जमकर निशाना साधा. साथ ही प्रदेश में कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए थे. यही नहीं नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव के नेतृत्व में 10सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भेजकर रिपोर्ट तलब की गई.
जिसमें बताया गया कि यह हत्या सत्ता के संरक्षण और पुलिस-अपराधी की साठगांठ से हुआ है. पुलिस और सत्ता से जुड़े माननीय की मदद से राजकुमार यादव की सुरक्षा हटवाई गई. इसके अपराधियों से साजिश रचकर हत्या करवाई गई. यही नहीं जाती देखकर हत्या का भी आरोप लगाया गया. जिसके चंदौली समेत प्रदेश में यादव वर्सेज ठाकुर को लेकर होने सियासत शुरू हो गई.