Chandauli news : सदर कोतवाली पुलिस ने बृहस्पतिवार को लुटेरी दुल्हन गैंग का पर्दाफाश किया है. इनके पास से नगदी समेत अन्य सामान बरामद किया है. ये गिरोह बनाकर गैर प्रान्त से शादी ना होने वाले युवकों को अपना शिकार बनाते थे. फिलहाल पुलिस इस पूरे सिंडिकेट को खोलने में जुटी है.
विदित हो कि चंदौली कोतवाली में पिछले दिनों एक प्रार्थना पत्र प्राप्त हुआकि संजय सिंह पुत्र गोपाल सिंह निवास जिला भरतपुर राजस्थान जिसे शादी के लिये कुछ लोगों नें बात किया, और चन्दौली निवासी सोनू नें संजय सिंह को शादी के लिए बुलाया था. जिसके कारण प्रार्थी अपनें भाई भूपेन्द्र व भाभी पूनम पत्नी सूरज के साथ शादी करने के लिए चन्दौली आया था. सोनू व उसके साथी राजू कृष्णा ने संजय कि शादी एक महिला सुमन सोनकर पुत्री बच्चन सोनकर निवासी सूजाबाद डोमरी थाना रामनगर वाराणसी से भारत रेस्टोरेन्ट से सोनू व उसके साथी राजू कृष्णा के सामने कराई. 26 दिसंबर को प्रार्थी संजय सुमन सोनकर को अपने साथ लेकर अपने गाँव जा रहा था. लेकिन रास्ते में सुमन सोनकर के बैग में रखे 1 हजार रुपये को चुराकर भाग गई. संजय जब सोनू को फोन किया तो प्रार्थी को जानकारी हुई कि उसके साथ शादी के नाम पर धोखा धडी हुई है.
कोतवाली पुलिस ने सकलडीहा तिराहा ओवर ब्रिज के पास चेकिंग अभियान चला रही थी. तभी संजय सिंह ने आकर बताया की मुकदमे में शामिल दुल्हन सुमन सोनकर व उसके साथी संजय राम व धर्मेन्द्र राम व अर्जुन राम चन्दौली रेलवे स्टेशन के बगल में हाईवे के किनारे पोखरे पर मंदिर के पास इक्ट्ठा हुए है, और कहीं भागने के फिराक में वाहन का इन्तजार कर रहे हैं. उन सबों की निगरानी करने लिए मैं अपने भाई भूपेन्द्र सिंह व अपने रिश्ते की भाभी पूनम कुमारी को छोडकर आया हूँ. यदि जल्दी किया जाय तो पकड़े जा सकते है. इस सूचना पर मौके पर पहुचे कि हम पुलिस वालों कि अचानक देखकर घबडाकर भागने चाहे कि तभी हमराही कर्मचारीगण की मदद से मौके पर पकड़ लिया गया. जिनके पास से 84सौ रूपया बरामद किया गया.
पूछताछ में बताया कि हम सभी लोग आपस में मिलकर षड़यंत्र रच कर पश्चिमी राजस्थान आदि स्थानों से जिसकी शादी नहीं होती है. उन सब को शादी कराने के नाम पर लड़कों व घर वालों में बात कर शादी कराने की लालच देकर उनमें मोटी रकम लिया जाता है. इसी लड़की से शादी करा दिया जाता है. लड़की की विदाई कर दी जाती है,और रास्ते में से लड़की को छल पूर्वक उतार कर लड़के वालो को भगा दिया जाता है. इस दौरान ठगी के पैसे को हम लोग आपस में बाट लेते थे.