The News Point (चंदौली) : जिले में राजकीय पुस्तकालय के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. मंगलवार को राजस्व विभाग की टीम ने इसके लिए प्रस्तावित जमीन की राजस्व टीम ने नापी कर सीमांकन कर दिया. साथ ही राजकीय निर्माण एजेंसी को चिह्नित भूमि को सुपुर्द कर दिया. अब कार्यदायी संस्था की ओर से जल्द ही निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा. इससे लोगों की उम्मीद एक बार फिर जग गई है.
बताते है कि प्रदेश सरकार का प्रत्येक जिला मुख्यालय पर राजकीय पुस्तकालय बनाने की योजना है. ताकि पढ़ने और प्रतियोगी तैयारी करने वाले छात्र-छात्राओं को भटकना न पड़े. साथ ही अन्य लोग भी पुस्तकालय का लाभ ले सकें. लेकिन जिला मुख्यालय पर राजकीय पुस्तकालय न होने से प्रयोगी परीक्षाओं की तैयारी करने और पढ़ने वाले विद्यार्थियों को पुस्तकालय की सुविधा नहीं मिल पाती है. जबकि शासन ने करीब 13 साल पहले जिला प्रशासन को जमीन तलाश कर राजकीय पुस्तकालय का निर्माण कराने का फरमान जारी किया था. साथ ही शासन से 66 लाख रुपये भी अवमुक्त कर दिए थे. इसके सापेक्ष कार्यदायी संस्था को 50 फीसद धनराशि भी जारी कर दिया गया था. लेकिन जमीन नहीं मिलने के कारण निर्माण कार्य अधर में लटका रहा.
हालांकि एक हजार वर्ग मीटर में पुस्तकालय बनाने के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक की देखरेख में कई जगह जमीन देखी गई. लेकिन जमीन मुहैया नहीं हो पाया. शासन ने इसपर गंभीर रूख अपनाते हुए जिला प्रशासन से कार्यदायी संस्था को जल्द जमीन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था. जिलाधिकारी ने तहसील प्रशासन को तत्काल जमीन तलाश कर चिह्नित करने का आदेश दिया था. इसपर बीते दिनों सदर तहसील के बिछियां कला ग्राम के पास 0.040 हेक्टेयर परती भूमि पुस्तकालय निर्माण के लिए जमीन प्रस्तावित की गई.
उपजिलाधिकारी एवं ज्वाइंट मजिस्ट्रेट हर्षिका सिंह के निर्देश पर मंगलवार को राजस्व टीम ने डीआईओएस डीएस यादव और निर्माण एजेंसी की मौजूदगी में उक्त जमीन की बकायदे नापी कर सीमांकर कर दिया. साथ ही चिह्नित भूमि को राजकीय निर्माण एजेंसी को सुपुर्द कर दिया. इससे जल्द पुस्तकालय निर्माण की उम्मीद जग गई है.
इस संबंध में डीआईओएस डीएस यादव ने बताया कि राजकीय पुस्तकालय के लिए लगभग 500 वर्ग मीटर जमीन चाहिए. लेकिन उक्त जमीन पौने चार सौ वर्ग मीटर ही है. यह मानक के अनुसार नहीं है. लेकिन अब उक्त जमीन में ही निर्माण कार्य कराया जाएगा. जमीन का सीमांकन करने पहुंची राजस्व टीम में राजस्व निरीक्षक अजीत सिंह, लेखपाल अभिषेक लाल, प्रदीप कुमार, तौफीक अहमद, हरिशरण प्रसाद शामिल रहे.
जिले में राजकीय पुस्तकालय अभी तक नगर में स्थित एक किराए के मकान में संचालित किया जा रहा है. माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से इसके लिए चार हजार रुपया किराया भी दिया जाता है. इसके बाद भी लोगों को पुस्तकालय का लाभ नहीं मिल पाता है. कारण कि लोग वहां तक पहुंच ही नहीं पाते हैं. इससे सिर्फ पुस्तकालय की सुविधा नहीं उठा पाते हैं.