चंदौली – मुख्यालय स्थित वेदांता हॉस्पिटल के चिकित्सकों द्वारा इलाज में लापरवाही व सही तथ्य छिपाने का गंभीर मामला सामने आया है, जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर राजेश पांडे ने पत्रक सौंपकर चिकित्सालय और चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. वहीं जिलाधिकारी चंद्रमोहन गर्ग ने जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया.

प्रार्थी राजेश पांडे ने बताया कि जुलाई 2024 में पेट के दाई ओर अत्यधिक दर्द की शिकायत पर वेदान्ता हॉस्पिटल चंदौली के प्रबंधक राम प्रकाश उपाध्याय की सलाह पर भर्ती हुआ. अल्ट्रासाउंड जांच में पित्त की थैली में पथरी पाई गई और डॉ. वेद प्रकाश ने ऑपरेशन की सलाह दी. अगस्त 2024 में ऑपरेशन हुआ, जो लगभग दो घंटे चला.
आरोप है कि ऑपरेशन के तुरंत बाद से ही पेट में अत्यधिक दर्द बना रहा और ड्रेन से लगातार पित्त का रिसाव होता रहा. डॉक्टर ने बार-बार इसे सामान्य बताया और इलाज में लापरवाही बरती गई . स्थिति बिगड़ने पर अंततः apex और BHU हॉस्पिटल में इलाज करवाना पड़ा.

उन्होंने बताया कि इन सभी जगहों पर विशेषज्ञों ने स्पष्ट रूप से बताया कि मेरी कॉमन बाइल डक्ट (CBD) ऑपरेशन के दौरान काट दी गई थी, जिसे जानबूझकर छिपाया गया. कई बार स्टेंट डालने का प्रयास किया गया, परंतु स्थिति नहीं सुधरी. M.R.C.P. जांच में CBD में भी कटाव व सिकुड़न की पुष्टि हुई. इस दौरान करीब 50 दिनों तक ड्रेन से पित्त का रिसाव होता रहा. आईसीयू में भर्ती होना पड़ा.
आरोप लगाया कि इस प्रकरण में डॉक्टर वेद प्रकाश उपाध्याय द्वारा सर्जरी के दौरान न सिर्फ लापरवाही बरती गई. बल्कि CBD काटने के बाद सच्चाई छिपाते हुए समय पर रेफर नहीं किया. जिससे काफी आर्थिक शारीरिक कष्ट झेलना पड़ा. ऐसे में डॉक्टर वेद प्रकाश उपाध्याय और संचालक राम प्रकाश उपाध्याय के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाए.