News point desk : गुरुवार को उत्तर प्रदेश के झांसी से सुपरफास्ट ट्रेन शताब्दी एक्सप्रेस दिल्ली जा रही थी. तभी अचानक सार्वजनिक उद्घोषणा प्रणाली (पब्लिक एड्रेस सिस्टम) में एक यात्री की तबीयत खराब होने की घोषणा की गई. इस सूचना के जरिए लोगों से निवेदन किया जा रहा था कि जिसके पास भी ब्लड प्रेशर चेक करने वाली मशीन हो और इससे संबंधित कोई दवा हो तो तुरंत मुहैया कराएं. ये खबर पूरे ट्रेन में फैल गई. इसी ट्रेन में मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री भी सवार थे. उनके पास बीपी नापने वाली मशीन और दवा दोनों चीजें थी. फिर क्या वीआईपी कल्चर को तोड़ते हुए मंत्री जी ने मानवता का धर्म निभाया.
मशीन और दवा लेकर पहुंचे केंद्रीय मंत्री
केंद्रीय मंत्री ब्लड प्रेशर नापने वाली मशीन और दवाओं के साथ उस जरूरतमंद इंसान की बोगी में पहुंच गए. जिसे इसकी सख्त जरूरत थी. केंद्रीय मंत्री ने पांच डिब्बों का सफर तय किया. ये कोई और नहीं बल्कि मोदी सरकार में उद्योग मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पांडेय थे. वो भी इसी ट्रेन से सफर कर रहे थे. जैसे ही अनाउंसमेंट हुई तो वो तुरंत उठे और मरीज के पास पहुंच गए. मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पांडे उस मरीज के पास तब तक बैठे रहे जब तक वह नॉर्मल नहीं हो गया. जब मरीज की हालत स्थिर हो गई तो वह वापस अपने कोच में गए.
बता दें कि केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पांडे हिंदी दिवस के मौके पर यूपी के झांसी में आयोजित हिंदी दिवस कार्यक्रम में शामिल होने गए थे. वह गुरुवार को सुबह पहुंचे थे और फिर झांसी ट्रेन से वह सुपर फास्ट ट्रेन शताब्दी एक्सप्रेस से वापस दिल्ली लौट रहे थे.