चन्दौली – समाजवादी से पूर्व विधायक इन दिनों जन आंदोलन को लेकर सुर्खियों में है. गुरुवार को पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू की गंगा कटान मुक्ति जनसंपर्क यात्रा गंगा किनारे स्थित महुंजी गांव से शुरू हो गई. पूर्व विधायक ने मां गंगा को प्रणाम किया और पूजन-अर्चन आशीर्वाद लिया. फिर गंगा पुत्रों की लड़ाई के समर्थन में यात्रा के लिए निकल पड़े. इस समाजवादी तुर्क को लोगों का व्यापक समर्थन भी प्राप्त हो रहा है.
बता दें कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत सपा के पूर्व राष्ट्रीय सचिव और पूर्व विधायक मनोज सिंह डबलू ने महूजी गंगा तट पर पूजन अर्चन कर गंगा कटान मुक्ति सम्पर्क यात्रा का आगाज किया. महूजी से जैसे जैसे पदयात्रा आगे बढ़ी, क्षेत्रीय लोगों का कारवां जुड़ता गया. यात्रा जगह जगह गांवों में रुक कर ग्रामीणों से संवाद स्थापित किया.
गंगा कटान से जुड़ी उनकी समस्याओं को जाना. साथ ही उनके गांव और इलाके में कटान से मुक्ति दिलाने के लिए उनके सुझावों को भी सुना और उसे संग्रहित किया. कहा कि यात्रा के दौरान गांव स्तर पर गंगा कटान से हुई क्षति और उसके निस्तारण के लिए ग्रामीणों द्वारा दिये गए सुझावों को डीएम और एसडीएम के जरिये शासन तक पहुंचाया जाएगा.
इस दौरान मनोज सिंह डबलू ने डबल इंजन की भाजपा सरकार के साथ दो-दो बार विधायक, सांसद और मंत्री बने भाजपा नेताओं को भी आड़े हाथ लिया. कहा कि बात करना आसान है, लेकिन किसी संकल्प को लेकर आगे बढ़ना मुश्किल है. कहा कि विधायक रहते हुए कैनाल बनाया, नहरों का पक्कीकरण कराया और कैनालों की क्षमता बृध्दि कराई. लेकिन भाजपा के लोग किसान हित और जनहित में भाजपा ने ऐसा कोई काम नहीं किया. भाजपा के लोग काम करने की बजाय बड़ी बड़ी बातें करते हैं.
चन्दौली के जनप्रतिनिधियों पर निशाना साधते हुए कहा कि डबल इंजन की सरकार में दो दो बार विधायक और संसद रहे भाजपा के नेता एक पंप कैनाल नहीं लगा पाए और ना ही पावर हाउस की स्थापना ही करा पाए. बताया कि रैथा में फायर स्टेशन बनाने का काम किया। लेकिन भाजपा कर लोग चंदौली जिला मुख्यालय पर फायर स्टेशन तक नहीं बनवा पाए. जनता को इनके झूठ और वास्तविक सच को समझना होगा.
पूर्व विधायक ने अपने कार्यकाल की उपलब्धियों को गिनाते हुए मनोज सिंह डब्लू ने कहा कि जब विधायक था तो 2 पावर हाउस थे. लेकिन मेरे द्वारा 16 पावर हाउस बनवाने का काम किया. क्षेत्र की जनता और नौजवान के लिए मेडिकल कालेज की सौगात लेकर आया, लेकिन भाजपा के लोगों से उसे छिनने का काम किया है. गांव की जर्जर सड़कों को ठीक किया. भुपैली पम्प कैनाल को पक्का किया. जिससे किसानों के सिंचाई की समस्या काफी हद तक दूर हुई.
उन्होंने सैयदराजा विधायक परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि अपने आप को बड़ा विधायक कहने वाले विधायक शहीद को शहीद का दर्जा तक नहीं दिला पाए. यह उनके बड़े होने का प्रमाण हैं. कहा जनता की बात कहने और उसे उठाने के जुर्म में मेरी गाड़ियों की सीज कर थाने में बंद कर दिया गया है. यदि में आज आपके बीच खड़ा हूँ तो इसके पीछे आप सभी की ताकत, स्नेह और आशीष है.
उन्होंने कहा कि वह कट्टा में विश्वास नहीं रखते, मेरा विश्वास गट्टे पर है. जिसके दम पर जनहित के मुद्दे में लड़ा जा रहा है, और शासन प्रशासन को आइना दिखाने का काम हो रहा है. आज हम सभी गंगा कटान से जुड़ी महत्वपूर्ण मांगों को लेकर जमा हुए हैं. ताकि जिन ग्रामीणों और किसानों की जमीन और मकान गंगा की धारा में समाहित हो चुकी है, उसका उचित मुआवजा और जमीन पीड़ित परिवारों को मुहैया कराई जाय.
इसके अलावा गंगा कटान रोकने के लिए तत्काल प्रभावी परियोजना को अमल में लाया जाये. जिन बस्तियों व मकानों पर कटान का संकट है. उन्हें चिन्हित कर पुनर्स्थापित किया जाय. महुंजी मे जिस स्थान पर क्षेत्र की पांच महिलाएं डूबी थी. उस स्थान पर पक्का पुल निर्माण के संकल्प के जनसम्पर्क यात्रा शुरू की जा रही है. यदि सपा की सरकार बनी तो पुल निर्माण के मुद्दे को अमलीजामा पहनाने का काम होगा.
आरोप लगाया कि जिन महिलाओं की मौत डूबने से हुई थी प्रशासन ने उन्हें मकान देने का वादा किया था, आज तक वो वादा पूरा नहीं हुआ है. यात्रा के बाद उन परिवारों को मकान दिलाने का काम किया जाएगा. चेताया कि अभी प्रेम और सद्भाव के साथ पदयात्रा की का रही है. उम्मीद है की 18 तारीख तक जिला प्रशासन और शासन गंगा कटान के मुद्दे को संज्ञान में लेकर प्रभावी कार्यवाही करेगी, अन्यथा ग्रामीणों की अगुवाई में जिला मुख्यालय पर बड़ा आंदोलन किया जाएगा. पहले दिन गंगा कटान मुक्ति यात्रा महुजी से शुरू होकर विरासराय, अवही, जिगना, मेढना, दवनपुरा, नदहा, मन्निपट्टी और गुरेनी पहुंचा, जहां गंगा आरती के साथ पहले दिन का कार्यक्रम स्थगित के दिया गया.
सरकार की गलत नीतियां और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता का दंश जनता को भोगना
पूर्व जिलाध्यक्ष युवजन सभा योगेन्द्र यादव चकरू ने कहा कि आज सरकार की गलत नीतियां और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता का दंश जनता को भोगना पड़ रहा है. लेकिन अब जनता जागरूक हो चुकी है. यदि अब जनता का कार्य सरकार नहीं करेगी तो जनता तूफान खड़ा करने का काम करेगी. साथ ही उन्होंने जनता के हित मे काम करने वाले जनप्रतिनिधियों के नेतृत्व को स्वीकार करने का भी आह्वान किया.