Chandauli news : लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस उत्तर प्रदेश की सियासत में खुद को मजबूत करने में जुट गई है. कांग्रेस का पूरा फोकस दलित समुदाय के वोटबैंक पर है, जिसे साधने के लिए बसपा संस्थापक कांशीराम का सहारा ले रही है. कांशीराम की परिनिर्वाण दिवस 9 अक्टूबर से संविधान दिवस 26 नवंबर तक कांग्रेस डेढ़ महीने तक दलित समुदाय के बीच अलग-अलग कार्यक्रम चलाएगी. इस तरह कांग्रेस ने बसपा के परंपरागत वोटबैंक तक अपनी पहुँच बनाने की रणनीति बनाई है.
कांग्रेस कार्यालय में बुधवार को जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र तिवारी ने प्रेस कांफ्रेंस करके पार्टी की ओर से आयोजित होने वाले दलित गौरव संवाद यात्रा की रूपरेखा को साझा किया. बताया कि जिले के सभी दलितों के गांव में उनके अधिकारों के लिए मांग पत्र भरा जाएगा। इसके लिए पार्टी के कार्यकर्ता और पदाधिकारी दलितों के गांव में रात्रि विश्राम और चौपाल का भी आयोजन करेंगे। साथ ही भाजपा सरकार की नाकामियों को भी लोगों के सामने रखेगे.
उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के द्वारा 9 अक्टूबर से दलित अधिकार संवाद कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इसी अभियान के तहत जिले के सभी विधानसभाओं में कांग्रेस के कार्यकर्ता दलित बहुल गांव में संपर्क करेंगे. इस दौरान दलित जाति के लोगों से निर्धारित प्रारूप पर कुछ सवालों के उत्तर लिए जाएंगे. जिसमें उनके अधिकारों परिवार के भरण पोषण, रोजगार सहित अन्य मांगे शामिल है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का लक्ष्य है कि प्रत्येक विधानसभा के ज्यादा से ज्यादा दलित बहुल गांव में संवाद यात्रा किया जा. इसके बाद 2024 में हमारी सरकार बनने के बाद दलित जाति के लोगों के द्वारा उठाए गए सभी सवालों का समाधान करते ही उनके पूर्ण अधिकारों की बात की जाएगी. उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों में केंद्र की सरकार ने हमेशा दलित जाति के लोगों को उपेक्षा का शिकार बनाया. इसलिए दलित जाति के लोग विकल्प के रूप में कांग्रेस की ओर दोबारा से रुझान बना चुके हैं। ऐसे में हम उनकी मांगों को प्रमुखता से उठाएंगे और सरकार बनने के बाद उनकी सभी समस्याओं का समाधान करेंगे.