The News Point (चन्दौली) : जिले के थाना बलुआ में अवैध मिट्टी खनन का मामला सामने आया है, जिसे संरक्षण देने के आरोप में दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. पुलिस अधीक्षक आदित्य लांघे ने उप निरीक्षक पारसनाथ यादव और मुख्य आरक्षी ऋषिकान्त द्विवेदी को पदेन दायित्वों के निर्वहन में घोर लापरवाही, शिथिलता और अनुशासनहीनता बरतने के गंभीर आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. एसपी की इस कार्रवाई से पुलिस महकमें में हड़कंप है.
विदित हो कि बलुआ थाने पर कानून व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए उप निरीक्षक पारसनाथ यादव और हेड कांस्टेबल ऋषिकांत द्विवेदी को तैनात किया था. लेकिन शासन के मंशा के अनुरूप कार्य करने के बजाय दोनों अनैतिक रूप से धन अर्जित करने में जुट गए थे. आरोप हैं कि दोनों पुलिस कर्मियों के द्वारा क्षेत्र में अवैध रूप से मिट्टी खनन करने वालों को संरक्षण दिया जाने लगा. जबकि इन दोनों के कृत्यों के खिलाफ लोगों ने कई माध्यमों से पुलिस के अफसरों को अवगत कराया.
इसी मामले की एसपी आदित्य लांग्हे ने गोपनीय ढ़ग से जांच कराया. जांच के दौरान दोनों की भूमिका अफसरों के सामने उजागर हो गई. जिसमें पाया गया कि दोनों अवैध रूप से मिट्टी खनन करने वालों से वसूली के कार्य में संलिप्त हैं. ऐसे में एसपी ने जांच के बाद दोनों को निलंबित कर दिया हैं. उन्होंने बताया कि एक दरोगा और एक हेड कांस्टेबल को कार्य में लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया गया हैं. साथ ही दोनों के खिलाफ विभागीय जांच का आदेश दिया गया हैं.
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अवैध मिट्टी खनन के मामले में पुलिस कर्मियों की लापरवाही और अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने कहा कि जांच के बाद दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.