The News Point (चंदौली) : कृषि विभाग की टीम ने मंगलवार को जिले में खाद की दुकानों पर छापेमारी की। इस दौरान गड़बड़ी मिलने पर दुकानों का उर्वरक प्राधिकार पत्र निलंबित करने की कार्रवाई की गई। साथ ही नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब देने का निर्देश दिया गया है। सख्ती से उर्वरक विक्रेताओं में खलबली मची रही।
जिला कृषि अधिकारी विनोद कुमार यादव ने बताया कि उर्वरक की समयानुसार भारी मांग को देखते हुए इसके वितरण पर जिला प्रशासन द्वारा निरन्तर नजर रखी जा रही है। उर्वरकों की बिक्री अथवा भण्डारण की अनियमितता प्रकाश में आने पर असामाजिक तत्वों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई के निर्देश प्राप्त हुए हैं। इसी क्रम में उच्चाधिकारियों के निर्देश पर 7 और 10 सितंबर को जिला कृषि अधिकारी तथा कृषि विभाग के संयुक्त टीम ने बृहद पैमाने पर उर्वरक प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया।
मेसर्स इफको बाजार, बथावर, मेसर्स किसान सेवा केन्द्र, सकलडीहा, मेसर्स कुशवाहा खाद भण्डार, कांटा, मेसर्स हरिओम फर्टिलाइजर, कांटा, मेसर्स शिय खाद भण्डार, मटरौल, मेसर्स भटरौल यूपीएसएसएस के निरीक्षण के समय पीओएस मशीन मे उपलब्ध स्टाक का भौतिक सत्यापन करने पर भिन्नता पायी गयी। इस पर इनके उर्वरक प्राधिकार पत्र तत्काल प्रभाव से निलम्बित करते हुए क्रय विक्रय प्रतिबन्धित कर दिया गया।
उर्वरक प्रतिष्ठान मालिकों को कारण बताओं नोटिस निर्गत करते हुए कठोर चेतावनी दी गई। 3 दिवस के अन्दर संतोषजनक उत्तर प्रस्तुत नहीं किया गया है तो सम्बन्धित उर्वरक प्रतिष्ठान के विरुद्ध उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 तथा आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के अन्तर्गत कार्रवी सुनिश्चित की जाएगी। जिला कृषि अधिकारी ने निर्देशित किया कि दुकानदार उचित रेट पर ही किसानों को खाद की बिक्री करें। यदि गड़बड़ी मिली तो कठोर कार्रवाई तय है।