मनोहर कुमारChandauli news : लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा नहीं हुई हैं. लेकिन प्रमुख राजनीतिक दल अपने अपने पत्ते खोल दिए है. भाजपा ने अपने वर्तमान सांसद महेंद्र पांडेय पर तीसरी बार भरोसा जताया है. जबकि समाजवादी पार्टी ने वीरेंद्र सिंह को मैदान में उतारा है. या यूं कहें कि लगातार तीसरे चुनाव में उतरे भाजपा उम्मीदवार के सामने मुख्य विपक्षी पार्टी के उम्मीदवार बदलते रहे हैं. 2014 के चुनाव में बसपा से अनिल कुमार मौर्य, सपा से राम किशुन रहे तो 2019 के चुनाव में सपा से डा संजय चौहान और कांग्रेस गठबंधन से शिव कन्या कुशवाहा लडी थी.
चंदौली संसदीय सीट का अपना चुनावी इतिहास रहा है. रिकार्ड का खेल भी होता रहा है. भारतीय जनता पार्टी 1991 में चुनावी समर में पहली बार चुनावी समर में उतरी और जीत दर्ज की वह लगातार तीन जीत दर्ज करने वाली पहली पार्टी बनी. 1998 के बाद पार्टी का ग्राफ गिरता गया. लगातार हार का सामना करना पड़ा.
2014 के चुनाव से पार्टी फिर मैदान मारती आ रही है. 2019 के चंदौली लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी से महेंद्र नाथ पांडे 5,10,733 वोटों के साथ जीत दर्ज की. वहीं, समाजवादी पार्टी के संजय सिंह चौहान 4,96,774 वोटों से दूसरे स्थान पर रहे. इस सीट पर 2019 में कुल 60.01 फीसदी वोटिंग हुई थी. जिसमें बीजेपी के महेंद्र नाथ पांडे ने बाजी मारी थी.
महेंद्र नाथ पांडे 2014 में पहली बार चुनावी समर में थे. उन्होंने बसपा के अनिल कुमार मौर्य को 1,56,756 मतों के अंतर से हराया था. महेंद्र नाथ पांडे को 4,14,135 मत (42.23%) मिले थे. उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी अनिल को 2,57,379 मत (26.25%) हासिल हुए थे. इस चुनाव में 21 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई थी. सपा के रामकिशुन तीसरे और कांग्रेस के तरुण चौथे नंबर पर रहे थे.
चंदौली लोकसभा क्षेत्र में 5 विधानसभा क्षेत्र (मुगलसराय, सकलडीहा, सैयदराजा, अजगरा और शिवपुर) आते हैं. जिसमें अजगरा सुरक्षित सीट है. चन्दौली लोकसभा सीट पर लगातर तीसरी बार चुनावी मैदान में आए डा महेंद्र नाथ पांडे के सामने विपक्षी उम्मीदवार बदलते रहे हैं. चंदौली लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी के डॉ महेन्द्र नाथ पाण्डेय, सपा-बसपा गठबंधन से सपा के संजय चौहान और जनाधिकार पार्टी से कभी मायावती के करीबी रहे बाबू सिंह कुशवाहा की पत्नी शिव कन्या कुशवाहा. वे कांग्रेस के सिंबल पर चुनाव लड़ लडी थी. इस बार मुकाबले में गठबंधन से बीरेंद्र सिंह हैं.