The News Point : हाथरस हादसे की जांच की रिपोर्ट को हाथरस एसडीएम ने डीएम को सौंप दिया है. एसडीएम की रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. इसके मुताबिक सत्संग में दो लाख से ज्यादा लोगों की भीड़ आई थी. रिपोर्ट में बाबा के निजी सुरक्षा कर्मियों को जिम्मेदार बताया गया है. सत्संग के बाद जैसे ही बाबा के चरण रज की धूल उठाने के दौरान लोगों में भगदड़ मच गई है. बाबा के काले कपड़ों में तैनात सुरक्षा कर्मियों ने ही धक्का मुक्की की थी. दो लाख लोगों के कार्यक्रम की परमिशन भी प्रशासन से नहीं ली गई थी.

एसडीएम की रिपोर्ट में बताया गया कि हाथरस के फुलरई गांव में भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि का सत्संग था. नारायण साकार हरि (भोले बाबा) लगभग दोपहर 12.30 बजे सत्संग पांडाल में पहुंचे. एक घंटे तक कार्यक्रम चला. सत्संग में लगभग दो लाख से अधिक की भीड़ उपस्थित थी. दोपहर 1.40 बजे नारायण हरि (भोले बाबा) पंडाल से निकलकर एटा की ओर जाने के लिए आए तो जिस रास्ते से भोले बाबा निकल रहे थे. उस रास्ते की तरफ भक्त उनका आशीर्वाद और उनके चरणों की रज लेकर अपने माथे पर लगाने लगे.

जीटी रोड के डिवाइडर पर भी पहले से ही बहुत सारे लोग दर्शन के लिए खड़े थे. उन्होंने बाबा की ओर बढ़ना शुरू कर दिया और उनकी गाड़ी के पीछे दौड़ने लगे. बाबा के चरण रज की धूल उठाने के लिए श्रद्धालु वाहन की ओर दौड़ने लगे तो बाबा के साथ उनके निजी सुरक्षाकर्मी (ब्लैक कमाडो) एवं सेवादारों द्वारा लोगों के साथ धक्का-मुक्की करना शुरू कर दिया. जिससे कुछ लोग नीचे गिर गये. तब भी भीड़ नहीं मानी और अफरा-तफरी का माहौल उत्पन्न हो गया, भगदड़ मच गई.
जिसके बाद लोग कार्यक्रम स्थल के सामने खुले खेत की तरफ सड़क के दूसरी ओर भागे. जहां सड़क से खेत की ओर उतरने के दौरान ढालनुमा जगह होने के कारण ज्यादातर लोग फिसलकर गिर गए. इसके बाद पुनः उठ नहीं सके और भीड़ उनके ऊपर से होकर इधर-उधर भागने लगी.