The News Point (चन्दौली/वाराणसी) : राष्ट्रीय संगत – पंगत और देश की बड़ी निजी सुरक्षा एजेंसी एसआईएस ग्रुप के संस्थापक अध्यक्ष व पूर्व सांसद डाॅ आर के सिन्हा ने पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न लालबहादुर शास्त्री के जमदिवस उन्हें नमन किया और उन्हें सादगी और सरलता के प्रतीक पुरुष बताया. कहा कि वह न सिर्फ मुगलसराय बल्कि पूरे देश की धरोहर थे. डॉ सिन्हा बुधवार को बाबतपुर के लालबहादुर शास्त्री हवाई अड्डा से रामनगर स्थित लालबहादुर शास्त्री के पैतृक आवास तक राष्ट्रीय संगत-पंगत की जनजागरण रथयात्रा की.

उन्होंने समाप्ति कार्यक्रम के दौरान कहा कि शास्त्री जी का जीवन हमें जीने की प्रेरणा देता है. दिल्ली के संग्रहालय में उनका टूटा चश्मा, फटा कुर्ता और बंद घड़ी देखकर कलेजा फटने लगता है. 1962 में चीनी आक्रमण के समय तब के प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने शास्त्री जी को सरकारी कार्य से कश्मीर जाने के लिए कहा लेकिन शास्त्री जी ने पारिवारिक कारण बताते हुए जाने से इनकार कर दिया. कैबिनेट के अन्य सहयोगियों के आग्रह को अनदेखा किये जाने पर आखिर में पंडित नेहरू द्वारा समस्या पूछे जाने पर शास्त्री जी ने बताया कि कश्मीर में काफी ठंड पड़ती है, और मेरे पास पहनने को गरम कपड़ा नहीं है. इस पर पंडित जी ने अपना कोट उतारकर शास्त्री जी को दे दिया. आपको आश्चर्य होगा कि प्रधानमंत्री बनने के बावजूद आखिरी समय तक शास्त्री जी वही कोट पहनते रहे. यही नहीं केंद्र सरकार में कई विभागों के मंत्री रहने के बावजूद प्रधानमंत्री बनने पर अपनी निजी फिएट कार खरीदने के लिए उन्हें बैंक से 5 हजार रुपये का कर्ज लेना पड़ा.

उन्होंने कहा कि शास्त्री जी गरीबी में पले- बढ़े. अपने संघर्ष के बल पर प्रधानमंत्री जैसे मुकाम को हासिल किया. लेकिन आज की नई पीढ़ी ऐसे धरोहरों को भूलने लगी है, इसीलिए मुझे जनजागरण यात्रा निकालनी पड़ी. उन्होंने कहा कि शास्त्री जी की मौत में भी साजिश की बू आती है. राष्ट्रीय संगत-पंगत की देशव्यापी रथयात्रा की बाबत पूछे जाने पर डॉ सिन्हा ने कहा कि इस यात्रा का जनता की बात सुनना और अपनी बात सुनाना है.

इससे पहले मुगलसराय में लालबहादुर शास्त्री जन्मस्थली सेवा न्यास समिति के सदस्यों ने डॉ सिन्हा से लालबहादुर शास्त्री के जन्मस्थान का विकास करने और उनकी आदमकद प्रतिमा लगाने, दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन का नाम लालबहादुर शास्त्री जंक्शन करने तथा शास्त्री स्मारक पार्क के पास स्थित चौराहे का नामकरण लालबहादुर शास्त्री चौराहा करने की मांग की. जिस पर डॉ सिन्हा ने उनकी बात प्रधानमंत्री और रेलमंत्री तक पहुंचाने की बात कही. डॉ सिन्हा ने जूस पिलाकर समिति के सदस्यों का अनशन समाप्त कराया. समिति के संयोजक कृष्णा गुप्ता और अध्यक्ष दीनबंधु सिंह ने डॉ सिन्हा का आभार प्रकट किया.

अभियान के आखिर में डॉ सिन्हा रामनगर स्थित लालबहादुर शास्त्री के पैतृक आवास पर पहुंचे. रथयात्रा में लालबहादुर शास्त्री की पुत्रवधू नीरा शास्त्री, भाजपा काशी क्षेत्र के पूर्व अध्यक्ष महेश चन्द श्रीवास्तव, भाजपा कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव, मनोज श्रीवास्तव, अधिवक्ता राजेश श्रीवास्तव, बच्चा भईया, मनोज लाल श्रीवास्तव, सपा नेत्री रीबू श्रीवास्तव, संजय श्रीवास्तव, अजय श्रीवास्तव, राहुल कुदेशिया , रत्नेश श्रीवास्तव समेत मौजूद रहे.