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चन्दौली लोकसभा चुनाव 2024 : PDA राजनीति को लेकर सियासत गर्म, धुर विरोधी नेता कर रहे गोलबंदी, क्या पिक्चर अभी बाकी है?

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The news point : कहते है राजनीति में न कोई स्थायी दोस्त होता है, और न स्थाई दुश्मन. कुछ ऐसी ही एक राजनीतिक पिक्चर सोशल मीडिया पर उभर कर सामने आई. जिसको लेकर तरह तरह के कयास लगाए जा रहे है, और चन्दौली लोकसभा की सियासत को गर्म कर दिया. हालांकि नेता इसे महज एक इत्तेफ़ाक़ करार दे रहे है. लेकिन ये कहने से नहीं कतरा रहे है की चन्दौली की सियासत में पिक्चर अभी बाकी है.

बताया जा रहा है कि मुगलसराय स्थित रिक्शा स्टैंड पर व्यवस्था परिवर्तन मोर्चा के प्रवक्ता शमीम अहमद मिल्की और पूर्व विधायक बब्बन सिंह चौहान और पूर्व विधायक रामकिसुन यादव की आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चा की. बताया जा रहा है कि चर्चा के दौरान चन्दौली से PDA उम्मीदवार को चुनाव लड़ाने पर आम सहमति बनी. साथ ही चन्दौली को चारागाह समझने वाले नेताओं को जवाब देने की बात कही.

इस बैठक की धुरी रहे शमीम मिल्की ने बताया कि हम लोग काफी दिनों से PDA उम्मीदवार की मांग कर रहे है, 85-15 के नारे को लेकर हम व्यवस्था परिवर्तन के लोग प्रतिबद्ध है. इस चुनाव में पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक एकजुट होकर अपने प्रत्याशी को जिताएंगे. साथ ही चंदौली लोकसभा क्षेत्र को बाहरी नेताओं के चारागाह बनने से भी बचाने का संदेश देंगे.यह चुनाव लोकतंत्र और संविधान बचाने में अपनी खास भूमिका अदा करेगी.

वहीं पूर्व सांसद रामकिसुन यादव नेइसे महज इत्तेफाक बताया. लेकिन इतना जरूर कहा कि सभी राजनीतिक पार्टियों को उम्मीदवार की घोषणा करने से पहले यहां की जन भावनाओं का ख्याल रखना चाहिए. लेकिन किसी भी पार्टी इसका ख्याल नहीं रखा. जिससे आमजनमानस में निराशा का माहौल है.

विधानसभा चुनाव में एक दूसरे को दे चुके है मात

गौरतलब है कि पूर्व सांसद रामकिसुन यादव और पूर्व विधायक बब्बन सिंह चौहान एक दूसरे के धुर विरोधी नेता रहे है. 2007 के विधानसभा चुनाव में सपा प्रत्यासी रामकिसुन यादव ने बसपा उम्मीदवार बब्बन सिंह चौहान को मात दी थी. बाद में वे सांसद बन गए. वहीं 2012 विधानसभा चुनाव में बब्बन सिंह चौहान ने रामकिसुन के भाई बाबु लाल यादव को मात देकर हिसाब बराबर किया. 

2017 विधानसभा चुनाव के दौरान बब्बन सिंह चौहान का टिकट गया. जिसके बाद निर्दल लड़े और हार के बाद सपा में शामिल हो गए. लेकिन 2022 में विरोधी गुट के दोनों दिग्गज नेताओं को दर किनार कर सपा ने चंद्रशेखर यादव को टिकट दिया. हालांकि उन्हें भी हार का मुंह देखना पड़ा. फिलहाल बब्बन सिंह चौहान भाजपा में है जबकि रामकिसुन सपा में बने हुए है. लेकिन दोनों ही नेता पार्टी में उपेक्षित है. ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि इन दोनों नेताओं की मुलाकात चन्दौली लोकसभा की सियासत में क्या गुल खिलाती है.

बता दें भाजपा ने एक बार फिर केंद्रीय मंत्री महेंद्र पांडेय पर भरोसा जताते हूए तीसरी बार उम्मीदवार बनाया है. वहीं PDA का नारा देने वाली सपा ने पूर्व मंत्री वीरेंद्र सिंह को उम्मीदवार बनाया है. जबकि बसपा ने सत्येंद्र मौर्य को उम्मीदवार घोषित किया है. खास बात है यह है कि तीनों ही उम्मीदवार वाराणसी के रहने वाले है.

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